सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स के बाल रोग विभाग ने नेशनल सोसाइटी फॉर चेंज फॉर चाइल्डहुड कैंसर इन इंडिया, कैनकिड्स…किड्सकैन के साथ मिलकर बाल कैंसर से बचे लोगों को सशक्त बनाने के लिए एक कार्यशाला आयोजित की। जिसका उद्देश्य कैंसर की जंग जीत चुके बच्चे और उनकी देखभाल करने वालों को महत्वपूर्ण शिक्षा और सहायता प्रदान करना था।
एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ) अजय सिंह ने युवा कैंसर से लड़ाई जीत चुके बच्चों के सशक्तिकरण की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। डॉ सिंह ने कहा, “बच्चों को सशक्त बनाकर, हम एक पीढ़ी को सशक्त बना सकते हैं, जिससे समाज मजबूत होगा। उन्होंने जीवित बचे लोगों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कैंसर उपचार के बाद होने वाले दुष्प्रभावों की व्यवस्थित रूप से पहचान, निगरानी और प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. सिंह ने आगे कहा, “लंबे और जटिल उपचार के बाद सिर्फ कैंसर से मुक्त होना ही काफी नहीं है। मरीजों और देखभाल करने वालों को समय रहते किसी भी दुष्प्रभाव के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है, इससे पहले कि उपचार के बाद की ये समस्याएं जीवन के लिए खतरा बन जाएं, डॉक्टरों के साथ नियमित फॉलो-अप उपचार के दौरान जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उपचार के बाद भी है। कार्यशाला में कैंसर की जंग जीत चुके बच्चे और उनके परिवार को नियमित फॉलो-अप के महत्व के बारे में शिक्षित और प्रेरित किया गया। CANKIDS का सर्वाइवर फ़ोरम न केवल शिक्षित करता है, बल्कि बच्चों और उनके परिवारों को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए एक सहायता नेटवर्क भी प्रदान करता है। नियमित चिकित्सा जांच के लाभों की समझ को बढ़ावा देने और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के माध्यम से, फोरम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कैंसर से बचे लोग बेहतर जीवन जी सकें। कार्यक्रम के दौरान डॉ योगेन्द्रि यादव, डॉ नरेन्द्रह चौधरी, डॉ अंबर कुमार, डॉ राजकुमार और डॉ वैष्ण्वी अग्रवाल ने विभिन्नि मुद्दों पर अपने विचार व्य्क्तच किये। जबकि श्री विकास यादव ने कैनकिड्स के बारे में बताया। कार्यशाला में लगभग 30 परिवारों ने भाग लिया।