सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स में 20वें अखिल भारतीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन (ईएमइंडिया-24) के चौथे दिन विभिन्न व्याख्यानों और पोस्टर प्रस्तुतियों के माध्यम से विचारों के आदान-प्रदान के साथ-साथ संस्थान के पूर्व छात्रों के लिए पुरानी यादों को ताजा करने का एक अवसर भी था।
आज के सत्रों में कई व्यावहारिक व्याख्यान शामिल थे, जिनमें आपातकालीन चिकित्सा में नवीनतम प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा की गई। देश भर के जाने-माने विशेषज्ञों ने अपने शोध और नैदानिक अनुभव साझा किए, जिसमें ट्रॉमा केयर, कार्डियोवैस्कुलर इमरजेंसी, बाल चिकित्सा इमरजेंसी और आपातकालीन प्रतिक्रिया में प्रौद्योगिकी के एकीकरण सहित कई विषयों को शामिल किया गया।
दिन का एक मुख्य आकर्षण “आपातकालीन चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर प्रस्तुति थी, जिसमें आपातकालीन स्थितियों में नैदानिक सटीकता और रोगी परिणामों में सुधार करने में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा की गई। एक अन्य महत्वपूर्ण सत्र जटिल ट्रॉमा मामलों के प्रबंधन पर केंद्रित था, जहां अग्रणी ट्रॉमा सर्जनों द्वारा नवीन सर्जिकल तकनीकों पर चर्चा की गई।
व्याख्यानों के अलावा, पोस्टर प्रस्तुतियों ने उभरते शोधकर्ताओं को अपना शोध प्रस्तुकत करने का अवसर प्रदान किया। विषयों में दुर्लभ केस स्टडी से लेकर आपातकालीन देखभाल में नई पद्धतियाँ शामिल थीं। इन प्रस्तुतियों से प्रतिनिधियों को आपातकालीन चिकित्सा पद्धतियों को बेहतर बनाने पर चर्चा करने और विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिला। इन कार्यक्रमों में 500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
एम्स के पूर्व छात्रों ने अपने-अपने विभागों का दौरा भी किया। इन डेलीगेट्स को, जो अब चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं, अपनी पुरानी यादों को फिर से ताजा करने और उन क्लाकस रूम में फिर से जाने का अवसर मिला, जहाँ उन्होंने एक बार प्रशिक्षण लिया था। जैसे-जैसे ईएमइंडिया-24 आगे बढ़ता है, सम्मेलन आपातकालीन चिकित्सा में सहयोग, नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करना जारी रखता है।