सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने मंगलवार को स्टारशिप रॉकेट सिस्टम का एक और टेस्ट किया. यह टेस्ट पूरी तरह से परफेक्ट नहीं रहा लेकिन रॉकेट ने हिंद महासागर में सफल लैंडिंग की. Starship अभी तक का सबसे ताकतवर लॉन्च वीइकल है. मंगलवार को, करीब 400 फुट (121 मीटर) लंबे रॉकेट ने टेक्सास के ब्राउंसविले में स्थित SpaceX की स्टारबेस फैसिलिटी से उड़ान भरी. रॉकेट को अपने विशालकाय बूस्टर को रिकवर करने में मुश्किल आई. हालांकि, स्टारशिप के अपर स्टेज ने हिंद महासागर में सफल लैंडिंग करके दिखाई. SpaceX के मालिक और दुनिया की सबसे अमीर हस्ती, एलन मस्क ने कहा कि अभी स्टारशिप की समुद्र में लैंडिंग का एक टेस्ट और किया जाएगा. अगर वह टेस्ट सही रहा तो स्पेसएक्स अपने लॉन्च टावर की भुजाओं में स्टारशिप को लैंड कराने की कोशिश करेगी.

बूस्टर रिकवरी में आई परेशानी

33 रैप्टर इंजनों से लैस सुपर हेवी बूस्टर ने स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचाया. फिर यह डिटैच हो गया और धरती पर वापस आने लगा. SpaceX ने यह इंतजाम किया था कि बूस्टर लॉन्च टॉवर की मैकेनिकल भुजाओं में समा जाए. लेकिन टेस्ट टीम ने पाया कि उसके लिए परिस्थितियां सही नहीं हैं. इसके बाद, मेक्सिको की खाड़ी में रॉकेट को स्प्लेशडाउन कराने का फैसला लिया गया.

बूस्टर रिकवरी में झटका लगने के बावजूद, रॉकेट के अपर स्टेज ने बेहतरीन मैनूवरिंग दिखाते हुए हिंद महासागर में लैंडिंग की. इस इवेंट को लाइव देखने के लिए मस्क के साथ-साथ अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहे.

तकनीक की मिसाल है स्टारशिप

SpaceX का स्टारशिप रॉकेट सिस्टम सबसे अनोखा है. 397 फीट ऊंचाई के साथ यह अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट सिस्टम है. इसे इंटरप्लेनेटरी मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है.

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