नई दिल्ली । बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि आयोग चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराए। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से चुनावों के दौरान हर प्रकार की धांधली करने तथा सत्ता और धर्म का चुनावी स्वार्थ के लिए अनुचित इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति काफी घातक रूप में बढ़ी है इसको लेकर पूरा देश भी काफी चिंतित है। इतना ही नहीं बल्कि पिछले कुछ चुनाव में कोरोना के अति प्रकोप में भी जिस प्रकार से रैलियों व रोड शो आदि के जरिए चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया गया है उसे देख पूरा देश काफी हैरत में रह गया है। साथ ही पिछले कुछ वर्षों से चुनावों को विशेषकर धार्मिक रंग देकर जिस प्रकार से संकीर्ण राजनीति जारी है उसपर भी चुनाव आयोग को काफी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
मायावती ने कहा कि इन मामलों में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की निष्पक्षता के साथ बिना भेदभाव के कानून के मुताबिक काम कराने को सुनिश्चित करने के लिए भी यह जरूरी है कि सरकारी मशीनरी में भी चुनाव आयोग का कानूनी खौफ जरूर कायम रहे तभी यहां चुनाव सही से संपन्न हो पाएंगे। हालांकि इस मामले में बीएसपी खुद ही एक अनुशासित पार्टी है व आदर्श चुनाव आचार संहिता पर पूरी सख्ती से अमल करने की हिदायत अपनी पार्टी के सभी स्तर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं आदि को हमेशा देती रहती है। मायावती ने कहा ककि चुनाव को अपने देश में लोकतंत्र का खास त्योहार माना जाता है।
चुनाव फ्री एंड फेयर होना चाहिए इस इसके लिए चुनाव आयोग से हमारा अनुरोध भी है। खासकर दलित व अन्य कमजोर वर्गों के लोग अति संवेदनशील को पोलिंग बूथों पर अपना मत डाल सके। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग को काफी सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। वरना इन वर्गों के लोग अपना वोट डालने से वंचित रह जाएंगे। बीएसपी ऐसी राजनीतिक पार्टी और मानवतावादी मूवमेंट भी है जो अपनी नीति व कार्यक्रमों में सर्व समाज के लोगों का विभिन्न क्षेत्रों में लगे विशेषकर गरीबों, मजदूरों, किसानों, व्यापारियों एवं मेहनतकश लोगों के हितों का भी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से ध्यान रखती है और खासकर अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के मामले में लोगों की चाहत के हिसाब से काम नहीं करती और नहीं ही गलत करने वाले लोगों को छोड़ती है
चाहे वह बीएसपी पार्टी में भी क्यों ना रहा हो। यही कारण है कि बीएसपी की सरकार में कानून द्वारा कानून का राज रहता है। जिसका मुकाबला अभी तक यहां किसी पार्टी की सरकार ने नहीं किया है। हर सरकार अपने पार्टी के अपराधिक तत्वों को बचाती है और केवल दूसरों के खिलाफ पक्षपात करके कार्यवाही करती है। जैसा यूपी में वर्तमान बीजेपी सरकार में भी काफी कुछ देखने को मिलता है। जिस कारण यहां अपराधियों का अभी भी जंगलराज चल रहा है और जनता पूरी तरह त्रस्त है। हर जाति हर वर्ग के लोग काफी दुःखी हैं और इस सरकार में खासकर अपर कास्ट समाज के एक तबके के लोग हैं जो सबसे ज्यादा दुःखी हैं। जिन्होंने पिछले चुनाव में बीजेपी को बढ़-चढ़कर वोट दिया है।