सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। इनमें कई तो ऐसे हैं जो सैकड़ों साल पुराने हैं और हर मंदिर के निर्माण से जुड़ी एक अलग कहानी है। आज हम ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका निर्माण महज एक रात में हुआ था। इनके निर्माण के पीछे की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प है।
गोविंद देव मंदिर, वृंदावन
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में गोविंद देव जी का मंदिर है। यह मंदिर भी करीब से देखने पर अधूरा सा ही लगता है। कहते हैं कि यह मंदिर भी एक रात में ही बनकर तैयार हुआ है। मान्यता है कि भूतों या दिव्य शक्तियों ने मिलकर एक रात में इस मंदिर को बनाया है। कहा जाता है कि सुबह होने से पहले ही किसी ने चक्की चलानी शुरू कर दी, जिसकी आवाज से मंदिर का निर्माण करने वाले काम पूरा किए बिना ही चले गए।
हथिया मंदिर
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शिव जी का एक मंदिर है, जिसे हथिया देवाल के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि एक हाथ वाले शिल्पकार ने एक रात में ही इस मंदिर का निर्माण कर दिया था। हालांकि रात होने और जल्दी बनाने के चक्कर में यहां शिवलिंग का अरघा विपरीत दिशा में बना दिया गया था। इस वजह से यहां शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती है।
ककनमठ मंदिर
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका नाम है ककनमठ। इस मंदिर का निर्माण कच्छवाहा वंश के राजा कीर्ति सिंह के शासनकाल में हुआ था। यह मंदिर भी सिर्फ एक रात में बना है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भोलेनाथ के गण यानी भूतों ने किया था। इस मंदिर की खास बात ये है कि इसका निर्माण पूरी तरह से पत्थरों से हुआ है और ये इस तरीके से रखे गए हैं कि उनके बीच संतुलन बना हुआ है। इन पत्थरों को बड़े से बड़े आंधी-तूफान भी हिला नहीं सकते हैं।
भोजेश्वर मंदिर
यह है भोजेश्वर मंदिर, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 32 किलोमीटर दूर भोजपुर में एक पहाड़ी पर स्थित है। इस शिव मंदिर का निर्माण परमार वंश के मशहूर राजा भोज द्वारा करवाया गया था। हालांकि यह मंदिर अधूरा ही है, लेकिन इसका निर्माण अधूरा क्यों छोड़ा गया, इस बात का इतिहास में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। ऐसा मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में होना था, लेकिन छत का काम पूरा होने के पहले ही सुबह हो गई, इसलिए काम अधूरा रह गया। इस मंदिर कि विशेषता इसका विशाल शिवलिंग है जो एक ही पत्थर से निर्मित दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है।
बैद्यनाथधाम, देवघर
झारखंड के देवघर में स्थित शिव मंदिर को कौन नहीं जानता है। यह एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने यहां सिर्फ एक रात में मंदिरों का निर्माण किया है। इस मंदिर के प्रांगण में माता पार्वती का मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण कार्य होते-होते सुबह हो गई, जिसकी वजह से मंदिर अधूरा रह गया।