सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आम स्ट्रगलर्स की तरह राजकुमार राव को भी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने से पहले स्ट्रगल करना पड़ा था। एक वक्त ऐसा था कि उनके अकाउंट में सिर्फ 18 रुपए बचे थे। मुंबई जैसे शहर में मात्र इतने से पैसे में गुजारा करना हद से ज्यादा मुश्किल था। ऐसे में वे पारले जी खाकर और फ्रूटी पीकर गुजारा करते थे।

वहीं, राजकुमार हर रोज एक्टिंग स्कूल 70 किलोमीटर साइकिल से आते-जाते थे। ये सारी बातें उन्होंने खुद हालिया इंटरव्यू में कही हैं।

आज राजकुमार की फिल्म श्रीकांत सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी दृष्टिबाधित इंडियन इंडस्ट्रियलिस्ट श्रीकांत बोला की लाइफ पर बेस्ड है। राजकुमार ने उन्हीं का किरदार निभाया है। उनके साथ एक्ट्रेस ज्योतिका ने भी काम किया है, जिन्हें हाल ही में फिल्म शैतान में देखा गया था।

बुरे समय में मां ने सबसे ज्यादा सपोर्ट किया

रणवीर अल्लाहबादिया को दिए इंटरव्यू में राजकुमार ने शुरुआती संघर्ष के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘वो वक्त सबसे मुश्किल था, जब आर्थिक तंगी थी और काम भी नहीं मिल रहा था। इस वक्त मां ने बहुत सपोर्ट किया। जब मेरे पास पैसे खत्म हो जाते थे, तब वही इंतजाम करते भेज देती थीं।

एक बार मेरे खाते में सिर्फ 18 रुपए बचे थे और वो भी मुंबई जैसे शहर में। इस कारण मैं दोपहर में खाना नहीं खा सकता था, तब सिर्फ पारेल जी खाकर और फ्रूटी पीकर रहना पड़ा।’

राजकुमार बोले- FTII के दोस्तों ने भी मदद की

राजकुमार ने आगे बताया कि इस बुरे वक्त में FTII के दोस्तों ने भी मदद की थी। उन्होंने कहा, ‘जब पैसे खत्म हो गए थे, तब मैं सोच रहा था कि आगे क्या करूंगा। मुझे याद है कि मुंबई के FTII में एक समिति थी। उससे बहुत सारे सीनियर और जूनियर जुड़े हुए थे।

अगर मेरे जैसे किसी की सिचुएशन बनती थी तो वो समिति में से किसी के पास फोन करके पूछ सकता था कि उनके यहां रात में खाने में क्या बना रहा है और वहां जाकर खा सकता था। उस वक्त मैंने भी ऐसा ही किया था।’