सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एक हैरान करने वाली खोज में, एस्ट्रोनॉमर्स ने एक गैलेक्सी क्लस्टर के साथ अलाइन्ड सात आकाशगंगाओं की खोज की है. साथ मिलकर, वे अब तक देखी गई आकाशगंगाओं की सबसे अनोखी संरचनाओं में से एक- गुरुत्वाकर्षण लेंस – को बनाती हैं. विकृत और फैली हुई आकाशगंगाओं की इस व्यवस्था में सबसे बड़ा ‘आइंस्टीन क्रॉस’ शामिल है. यह जनरल रिलेटिविटी से पैदा हुई गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग का नतीजा है, जिसकी वजह से एक ही फोटो में एक ही आकाशगंगा बार-बार दिखाई देती है. ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल’ में छपी स्टडी में, वैज्ञानिकों ने इस संरचना को ‘कैरोसेल लेंस’ नाम दिया है|

यह लेंस जिन आकाशगंगाओं के क्लस्टर से बना है, वह पृथ्‍वी से लगभग 5 बिलियन प्रकाश-वर्ष दूर है. यह खोज खगोल विज्ञान के कई रहस्यों से पर्दा उठाने में वैज्ञानिकों की मदद कर सकती है. इनमें डार्क एनर्जी (ब्रह्मांड के विस्तार को बढ़ाने वाली अदृश्‍य ताकत) और डार्क मैटर (वह अदृश्‍य पदार्थ जिससे 80% ब्रह्मांड बना है) शामिल हैं |

गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग (Gravitational lensing) की भविष्‍यवाणी सबसे पहले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने की थी. उनके 109 साल पुराने ‘सामान्य आपेक्ष‍िकता’ सिद्धांत (General Theory of Relativity) में इसका प्रस्ताव किया गया था. आइंस्टीन का सिद्धांत कहता है कि विशालकाय पिंड – जैसे तारे, ब्लैक होल और आकाशगंगाएं – स्पेस टाइम के ताने-बाने को विकृत कर देते हैं. इसका नतीजा यह होता है कि ऐसे पिंड दूर स्थित पिंडों से आ रहे प्रकाश को ‘मोड़’ सकती हैं.