जबलपुर, । मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) से माइंडलॉजिक्स कंपनी के टर्मिनेशन के बाद व्यवस्थाएं बुरी तरह बे पटरी हो गई। एम यू में बेपटरी हुई व्यवस्थाओं को फिर पटरी पर लाने लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एमयू की व्यवस्था को दुरुस्त करने दो तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से भेजे गए दो इंजीनियर परीक्षा और मूल्यांकन संबंधी कामकाज की निगरानी देखेंगे। इसके साथ ही विवि के ऑनलाइन व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे।

समय पर मूल्यांकन और रिजल्ट चुनौती……………

एमयू प्रशासन के मुताबिक विवि की बेपटरी हो चुकी व्यवस्था को पटरी पर लाना पहली चुनौती होगी। दोनों इंजीनियरों ने अपना काम संभाल लिया है। ठेका कंपनी की कथित गड़बड़ी और प्रतिबंध लगाने के बाद से ही ऑनलाइन कामकाज प्रभावित हो गया था। समय पर परीक्षा कराने से लेकर कॉपियों के मूल्यांकन और रिजल्ट घोषित करने में परेशानी आ रही थी। प्रभारी कुलपति और संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर ने पहले ही कहा था कि वे विवि में आईटी सेल का गठन करने प्रयास में है। खुद का आईटी सेल होगा तो इस तरह की ठेका कंपनियों की मनमर्जी नहीं चलेगी।

आईटी सेल के गठन का रास्ता साफ……………

निजी ठेका कंपनी की कार्यप्रणाली सामने आने के बाद से ही विवि स्तर पर आईटी सेल के गठन की मांग हो रही थी। दो तकनीकी विशेषज्ञों के विवि में आने के बाद आईटी सेल के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने नोएडा की कोनार्ग कंपनी के २ आईटी मैनेजमेंट कंसल्टेंट (सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौरव यादव और राजीव शर्मा) को विश्वविद्यालय भेजा हैं।

नर्सिग अंतिम वर्ष के रिजल्ट का मिला काम………………..

दोनों तकनीकी विशेषज्ञों को आते ही नर्सिंग आखिरी वर्ष के घोषित नतीजे में परीक्षा नियंत्रक कार्यालय से हुई चूक का काम सौंपा गया है। दोनों तकनीकी विशेषज्ञों को रुके हुए रिजल्ट को जल्द घोषित करने का जिम्मेदारी दी गई है। दोनों विशेषज्ञों को नर्सिंग फाइनल के अलावा अन्य परीक्षा परिणाम को तैयार करने के निर्देश भी दिए गए है।