सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हमास के प्रमुख इस्माइल हानियेह की मौत के बाद से ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ गया है। इस बीच, ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और राष्ट्रपति मसूद पजशकियान के बीच इजराइल पर हमले की रणनीति को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।
मुख्य बिंदु:
- ईरानी सेना की रणनीति: ब्रिटिश मीडिया द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी सेना इजराइल पर सीधा हमला करना चाहती है। IRGC राजधानी तेल अवीव और अन्य इजराइल शहरों के मिलिट्री बेस को निशाना बनाना चाहती है।
- राष्ट्रपति पजशकियान की योजना: पजशकियान मिडिल ईस्ट के दूसरे देशों जैसे अजरबैजान और इराकी कुर्दिस्तान में इजराइल के बेस और मोसाद के ठिकानों पर हमले की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, पजशकियान ने लेबनान के हिजबुल्लाह को बेहतर हथियार देने और इजराइल पर हमले में समर्थन देने का प्रस्ताव रखा है।
- आंतरिक विवाद: पजशकियान को डर है कि इजराइल पर सीधे हमले का ईरान को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। पजशकियान के सहयोगियों का कहना है कि राष्ट्रपति ने पिछली बार इजराइल की ओर से युद्ध नहीं छेड़े जाने को लेकर आभार व्यक्त किया था और इसी उम्मीद को फिर से दोहराया है। वे मानते हैं कि IRGC राष्ट्रपति को कमजोर दिखाने के प्रयास में है।
- IRGC और सुप्रीम लीडर का बयान: दूसरी ओर, IRGC ने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई के आदेश का पालन करते हुए इजराइल को कड़ी सजा देने की बात की है। खामेनेई का आदेश है कि इजराइल पर कठोर कार्रवाई की जाए।
- अमेरिका की तैयारी: अमेरिका ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सैन्य शक्ति तैनात करने का निर्णय लिया है। पेंटागन ने क्षेत्र में एक फाइटर जेट स्क्वॉड्रन और एक एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य इजराइल की रक्षा करना है।
इस स्थिति में, दोनों देशों के बीच संघर्ष की संभावना बढ़ गई है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस तनावपूर्ण स्थिति पर नजर रखे हुए है।