सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ED की रिपोर्ट के अनुसार, PFI के खाड़ी देशों और सिंगापुर में 13,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं, जिन्हें करोड़ों रुपए का फंड जुटाने का टारगेट दिया गया है।
PFI के खिलाफ आरोप: PFI ने खाड़ी देशों में प्रवासी मुस्लिम समुदाय के लिए डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव कमेटियां बनाई हैं, जिनके जरिए फंड जुटाया जाता है। यह फंड हवाला के जरिए भारत भेजा जाता था, ताकि इसे ट्रेस न किया जा सके। फंड का इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था।
सितंबर 2022 में NIA और ED ने PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर कई नेताओं को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को PFI पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ED की जांच के 4 प्रमुख खुलासे:
- PFI का असली उद्देश्य भारत में जिहाद के जरिए इस्लामिक आंदोलन खड़ा करना है।
- PFI शारीरिक शिक्षा की आड़ में हिंसक हथियारों की ट्रेनिंग देता था।
- PFI के ठिकाने डमी ओनर्स के नाम पर पंजीकृत थे।
- 2013 में केरल में PFI के सदस्यों को विस्फोटकों की ट्रेनिंग दी गई।
PFI पर बैन की 3 प्रमुख वजहें:
- PFI देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
- संगठन का सीक्रेट एजेंडा कट्टरपंथ को बढ़ावा देना है।
- PFI ने अपनी सदस्यता और फंडिंग बढ़ाने के लिए समाज के कमजोर वर्गों में पैठ बनाई।
PFI को 2006 में दक्षिण भारत के संगठन MNP और NDF ने मिलकर बनाया था। यह संगठन अब 23 राज्यों में फैल चुका है।