सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हाभारत जैसे महाकाव्य में कई ऐसे रहस्य छिपे हुए हैं, जो आज भी हमारे लिए जिज्ञासा का विषय बने हुए हैं। ऐसी ही एक कहानी दुर्योधन की पत्नी भानुमति और पांडवों के बीच जुड़ी है। क्या आप जानते हैं कि दुर्योधन की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने पांडव अर्जुन से विवाह कर लिया था? इस कहानी के पीछे छिपे कारण आपको हैरान कर सकते हैं।

भानुमति: साहस और सौंदर्य की प्रतिमूर्ति

भानुमति को उनके सौंदर्य, बुद्धिमत्ता और साहस के लिए जाना जाता था। लेकिन उनका विवाह कौरवों के सबसे प्रमुख पात्र दुर्योधन से हुआ। उनके जीवन में बड़ा बदलाव तब आया, जब महाभारत के युद्ध के बाद दुर्योधन की मृत्यु हो गई।

युद्ध के बाद की राजनीति और अर्जुन से विवाह

महाभारत युद्ध के बाद कौरव वंश का अंत हो गया और भानुमति को अपने और अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी। कहा जाता है कि भानुमति ने पहले से ही अर्जुन को मन ही मन पसंद किया था। युद्ध के बाद, परिस्थितियों ने ऐसा मोड़ लिया कि भानुमति ने अर्जुन से विवाह कर लिया।

इस शादी का एक प्रमुख कारण यह भी बताया जाता है कि भानुमति ने पांडवों के साथ संबंध सुधारने और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया। अर्जुन और भानुमति का विवाह उस समय की राजनीतिक परिस्थिति का परिणाम था।

महाभारत की सिखावन

यह कहानी यह सिखाती है कि प्रेम और राजनीतिक फैसले अक्सर समय और परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। महाभारत के पात्र और उनकी कहानियां हमें यह समझने का अवसर देती हैं कि कैसे मानव स्वभाव और सामाजिक समीकरण आपस में जुड़े हुए हैं।

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