वॉशिंगटन । अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है जो इससे पहले फिल्मों में ही देखा गया है। कैलिफोर्निया में एक आईवीएफ क्लीनिक की गलती के चलते एक महिला ने किसी दूसरे की संतान को जन्म दिया है। क्लीनिक की इस गलती के बाद इस दंपति ने मुकदमा दायर किया है। केस दायर करने वाली महिला ने 2019 में एक बच्ची को जन्म दिया था जिसकी शक्ल उससे बिल्कुल भी नहीं मिलती है। दंपति ने कुछ शक होने के बाद डीएनए टेस्ट कराया जिसके बाद उन्हें इस सच के बारे में पता चला।

इसके बाद इस कपल ने उन्हें ढूंढा जिनसे सैंपल्स की अदला-बदली हुई थी। पीड़ित ने अदालत पर धोखाधड़ी और लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। दंपति का कहना है कि उन्होंने लंबी कोशिश और इंतजार के बाद आईवीएफ तकनीक के चलते अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने का मन बनाया।

जहां वह एक ओर स्वस्थ्य बच्ची के जन्म से काफी खुश थे तो वहीं वह उसके रंग रूप से थोड़ा हैरान भी थे। दंपति का कहना है कि उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की तरह, गोरी बच्ची की अपेक्षा की थी लेकिन जब उनकी बच्ची का जन्म हुआ तो उसका रंग सांवला था और बाल भी बिल्कुल काले रंग के थे।

दंपति का कहना है कि वो एकदम अलग वंश की थी और उनके एक ही बैकग्राउंड का होने के चलते बच्ची के इस तरह का होने की संभावना नहीं थी। बच्ची के जन्म के करीब 8 हफ्ते बाद डीएनए की रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि यह उनकी संतान नहीं है। इसके बाद उन्हें पता चला कि क्लीनिक की गलती के चलते उनका सैंपल दूसरे दंपति के सैंपल से बदल गया था।

हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि क्लीनिक से ये गलती कहां और कैसे हुई लेकिन मुकदमे में ऐसा कहा गया है कि अस्पताल ने लापरवाही से उपेक्षित तरीके से या जानबूझकर सैंपल खो दिया या उसे दूसरे दंपति को देने का फैसला किया। बता दें आईवीएफ ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत महिला के 10 से 15 अंडे बनाए जाते हैं और उन्हें बाहर निकालकर पुरुष के वीर्य के साथ मिलाकर उनका फर्टिलाइजेशन किया जाता है। इसके बाद एक सही समय पर उसे महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।