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लद्दाख के द्रास में 26 जुलाई को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया जाएगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और शहीद सैनिकों की विधवाओं से बातचीत करेंगे। 1999 में पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में द्रास में तीन दिवसीय समारोह आयोजित किया जाएगा, जो 24 से 26 जुलाई तक चलेगा।

उपराज्यपाल ने की तैयारियों की समीक्षा

लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने 22 जुलाई को सचिवालय में एक बैठक की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करगिल युद्ध स्मारक यात्रा की व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी शामिल हुए। ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा 24 जुलाई को डीआरए का दौरा करेंगे और 26 जुलाई को प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

पीएम मोदी की कार्यक्रम विवरण

द्रास पहुंचने के बाद पीएम मोदी पुष्पांजलि समारोह में भाग लेंगे और वॉल ऑफ फेम का दौरा करेंगे। इसके अलावा, वे करगिल युद्ध की कलाकृतियों के संग्रहालय का निरीक्षण करेंगे और शीर्ष सेना कमांडरों से करगिल युद्ध के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी शिंकू ला टनल का वर्चुअल उद्घाटन भी करेंगे और करगिल युद्ध स्मारक से दिल्ली रवाना होने से पहले सभा को संबोधित करेंगे।

करगिल युद्ध: वीरता और बलिदान की गाथा

1999 के करगिल युद्ध में लगभग 500 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। तीन महीने के कठिन संघर्ष के बाद, भारत ने करगिल की चोटियों पर विजय प्राप्त की। हर साल 26 जुलाई को द्रास में वॉर मेमोरियल पर करगिल विजय दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है, जो उन वीर जवानों के साहस और बलिदान को याद करता है।

इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होकर पीएम मोदी न केवल शहीदों को सम्मानित करेंगे, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति समर्पण और वीरता की भावना को भी उजागर करेंगे।