आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : आधुनिक सिनेमा का दौर पश्चिमी देशों में शुरू हुआ। लिहाजा, हॉरर फिल्मों की शुरुआत भी वहीं सबसे पहले हुई। मेलीज ने 1896 में ‘ले मैनोइर डु डायएबल’ फिल्म बनाई, जिसे कभी-कभी अंग्रेजी में ‘द हॉन्टेड कैसल’ या ‘द हाउस ऑफ द डेविल’ के नाम से जाना जाता है। यह फिल्म जबर्दस्त हिट साबित हुई। इसे दुनिया की पहली हॉरर फिल्म माना जाता है।

भारत की पहली बॉलीवुड हॉरर यानी डरावनी फिल्म, ‘महल’ थी जिसमें अशोक कुमार और मधुबाला मुख्य भूमिका में थे। इसका निर्देशन डायरेक्टर-प्रॉड्यूसर कमाल अमरोही ने किया था। फिल्म की कहानी एक महिला कामिनी (मधुबाला) के इर्द-गिर्द घूमती है जिसकी आत्मा महल में भटकती है।

‘द एक्सोरसिस्ट’ है दुनिया की सबसे खतरनाक हॉरर फिल्म

डरावनी फिल्मों को बनाने के पीछे लोककथाओं, दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों के धार्मिक विश्वास, अंधविश्वास और एडगर एलन पो, ब्रैम स्टोकर और मैरी शेली जैसे लेखकों का गॉथिक व डरावना साहित्य रहा है।

अभी तक दुनिया की सबसे डरावनी फिल्म हॉलीवुड की ‘द एक्सोरसिस्ट’ मानी जाती है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इसकी शूटिंग के दौरान ही अलग-अलग वजहों से करीब 20 लोगों की जान चली गई थी। इसे अभिशप्त फिल्म भी कहते हैं। जब यह फिल्म अमेरिकी थिएटर्स में दिखाई जाती थी तो बाहर एंबुलेंस खड़ा रहता था न जाने किस दर्शक को कब दिक्कत हो जाए। मुंबई के चर्च गेट पर बने एरोस थियटर में 1973 में यह फिल्म रिलीज हुई थी। तब इस थियटर में फिल्म देखते हुए कई लड़कियां बेहोश हुईं और महिलाएं चिख उठीं।

डरावनी फिल्मों का दुनिया भर में हॉरर

हॉरर फिल्में लोग पसंद तो करते हैं। लेकिन कई बार ऐसी फिल्मों को देख दर्शकों के साथ अनहोनी घटना भी घट जाती हैं। कई बार फिल्में इतनी डरावनी होती हैं कि कमजोर दिल वाले दर्शक या तो बेहोश हो जाते हैं या फिर उन्हें हार्ट अटैक तक आ जाता है, और तो और किसी की जान तक भी चली जाती है।

‘राजू गरी गाड़ी’ देखने के बाद आते कई रात तक बुरे सपने

7 रियलिटी टीवी शो कंटेस्टेंट की लाइफ पर बेस्ड तेलुगू हॉरर फिल्म ‘राजू गरी गाड़ी’ 2015 में रिलीज हुई। इस फिल्म को देखने वाले दर्शकों कहना था कि उन्हें कई रातों तक बुरे सपने आते रहे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद में इस फिल्म देखते हुए 55 साल के एक व्यक्ति ने दो बार थियेटर से बाहर निकलने की कोशिश की। लेकिन जब वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया तो सीट पर बैठे-बैठे ही डर से उसकी जान निकल गई।

सच्ची घटना पर बनी ‘द कंजरिंग’ से हुई थी एक शख्स की मौत

बेशक ‘द कंजरिंग’ सीरीज सिनेमा जगत के इतिहास की सबसे डरावनी फिल्मों में से एक है। सच्ची घटना पर आधारित दो हिस्सों में बनी इस फिल्म ने दर्शकों को जमकर डराया और उन्हें खतरनाक सपने भी दिखाए। इस फिल्म का दूसरा पार्ट ‘द कंजरिंग 2’ देखने के बाद 65 साल के एक व्यक्ति के सीने में इतना दर्द हुआ कि हॉस्पिटल ले जाना पड़ा, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।