अमेरिकी राजनीति में आज एक ऐतिहासिक और विवादास्पद दिन है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो 2020 के चुनाव में जो बाइडेन से हार गए थे, आज व्हाइट हाउस में अपनी वापसी का दावा कर रहे हैं। यह घटनाक्रम अमेरिकी राजनीति में गहराते ध्रुवीकरण और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर सवाल उठाने वाला है।

डोनाल्ड ट्रंप ने आज सुबह चर्च जाकर प्रार्थना की और समर्थकों के साथ मिलकर अपनी वापसी को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने इसे “अमेरिकी लोगों की जीत” कहा और दावा किया कि उनका दूसरा कार्यकाल अमेरिका को “पहले से बेहतर” बनाएगा। हालांकि, उनके इस कदम को लेकर न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में अटकलें लगाई जा रही हैं।

क्या हो रहा है व्हाइट हाउस में?
आज ट्रंप के समर्थक व्हाइट हाउस के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं। वहीं, जो बाइडेन प्रशासन की तरफ से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। ट्रंप का यह कदम अमेरिकी संवैधानिक व्यवस्था और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।

2020 के चुनाव परिणाम को लेकर ट्रंप ने लगातार आरोप लगाए थे कि चुनाव में धांधली हुई थी। इसके बाद उनके समर्थकों ने 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हिंसा की थी, जो अमेरिकी लोकतंत्र पर एक काला धब्बा माना गया। अब, ट्रंप की “वापसी” एक बार फिर वैसी ही स्थिति पैदा कर सकती है।

बाइडेन और एंथनी फाउची का जवाब
इस बीच, वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डॉ. एंथनी फाउची को माफी देकर ट्रंप प्रशासन की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। डॉ. फाउची, जो कोविड-19 महामारी के दौरान ट्रंप प्रशासन के आलोचक थे, बाइडेन प्रशासन के लिए एक मजबूत विज्ञान और तथ्य आधारित नेतृत्व का प्रतीक हैं।

बाइडेन ने इस माफी के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि वह ट्रंप-युग की विवादास्पद नीतियों से अलग दिशा में काम कर रहे हैं।

अमेरिका और विश्व राजनीति पर असर
डोनाल्ड ट्रंप की इस वापसी का असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा। भारत, चीन और रूस जैसे देशों के साथ अमेरिका के संबंधों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। भारत के लिए यह देखना अहम होगा कि ट्रंप प्रशासन की “अमेरिका फर्स्ट” नीति भारत-अमेरिका संबंधों को किस हद तक प्रभावित करती है।

इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन, व्यापार समझौते, और नाटो जैसी वैश्विक संस्थाओं में ट्रंप की वापसी से नीतिगत बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

क्या कहती है जनता?
ट्रंप के समर्थक इसे “लोकतंत्र की जीत” मान रहे हैं, जबकि विरोधियों का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। सोशल मीडिया पर #TrumpReturns और #SaveDemocracy जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिससे यह साफ है कि यह मुद्दा पूरे अमेरिका में गहराई से महसूस किया जा रहा है।

निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी अमेरिकी राजनीति और लोकतंत्र के लिए एक नया मोड़ हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका इस चुनौती का सामना कैसे करता है और इसका विश्व राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

आने वाले दिनों में यह घटना अमेरिकी राजनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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