सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड- न्यूज़ भोपाल: पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की प्रमुख कंपनी जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (GVKPIL) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की हैदराबाद पीठ ने दिवालिया घोषित कर दिया है। कंपनी पर 18000 करोड़ रुपये का भारी कर्ज है, जिसमें प्रमुख कर्जदाता ICICI बैंक शामिल है। इस कंपनी की यह स्थिति पिछले दस सालों में बढ़ते कर्ज और उसे चुकाने में असमर्थता के कारण हुई है।

जीवीके ग्रुप की इस प्रमुख कंपनी पर कर्ज का बोझ जीवीके कोल डेवलपर्स (सिंगापुर) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लिया गया था, जिसके लिए जीवीकेपीआईएल गारंटर थी। NCLT के न्यायिक सदस्य राजीव भारद्वाज और तकनीकी सदस्य संजय पुरी की पीठ ने ICICI बैंक की 2022 में दायर याचिका पर 12 जुलाई को फैसला सुनाया, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है। इस निर्णय के बाद कंपनी पर कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) शुरू कर दी गई है।

शेयर बाजार में हड़कंप, ₹10 के नीचे आया शेयर का भाव

इस खबर के फैलते ही मंगलवार को जीवीके पावर के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगा और यह 9.64 रुपये पर बंद हुआ। BSE और NSE ने जीवीके पावर के शेयरों को लॉन्ग टर्म ASM (अतिरिक्त निगरानी उपाय) के तहत रखा है ताकि निवेशकों को उच्च अस्थिरता के बारे में सचेत किया जा सके।

कंपनी का मार्केट कैप और अन्य वित्तीय स्थिति

इस कंपनी के शेयरों का 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 17 रुपये प्रति शेयर और न्यूनतम स्तर 2.45 रुपये प्रति शेयर है। वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1,522.36 करोड़ रुपये है। कंपनी का RSI 27.42 पर और पी ई रेशियो 248.65 पर है, जबकि पी/बी प्राइस 1.83 पर है। प्रति शेयर आय (EPS) 0.04 रही और इक्विटी पर रिटर्न (ROE) 0.73 है।

इस गंभीर वित्तीय संकट के कारण कंपनी और उसके निवेशकों के सामने अनेक चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। अब देखने वाली बात यह है कि CIRP के तहत कंपनी की किस प्रकार से पुनरुद्धार की प्रक्रिया की जाती है और इससे किस प्रकार से कर्जदाताओं और निवेशकों को राहत मिलती है।