सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: दिल्ली महिला आयोग (DCW) से जुड़े एक विवाद ने हाल ही में दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैकड़ों संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे इन कर्मचारियों को उनकी नौकरियां वापस दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

बर्खास्तगी का आदेश और विवाद
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) द्वारा जारी आदेश के बाद DCW में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। दिल्ली सरकार और ‘आम आदमी पार्टी’ ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि यह निर्णय दिवाली से ठीक पहले कर्मचारियों की आजीविका छीनने जैसा है, जिससे कई परिवार प्रभावित होंगे।

केजरीवाल का आश्वासन
केजरीवाल ने बर्खास्त कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि आपकी नौकरियां वापस दिलाई जाएंगी, चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े। यह दिल्ली की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा है, और हम इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे।”

मनीष सिसोदिया की प्रतिक्रिया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय करार दिया। सिसोदिया ने कहा, “दिवाली से पहले इतने लोगों की नौकरी छीनना अमानवीय है और भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है। ये कर्मचारी दिल्ली की महिलाओं के लिए पिछले कई सालों से काम कर रहे थे।”

कर्मचारियों का आरोप और आप का समर्थन
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि वे वर्षों से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में योगदान दे रहे थे और इस तरह से उनकी नौकरियां छीन लेना उन्हें मानसिक और आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है और दिल्ली की महिलाओं के कल्याण के प्रति भाजपा की उदासीनता को दर्शाता है।

भाजपा का पक्ष
दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि यह आदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के नियमों का पालन करते हुए उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद दिया गया था। उनका दावा है कि वे केवल निर्धारित नियमों का पालन कर रहे हैं और इस फैसले में राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

DCW कर्मचारियों की बर्खास्तगी का संभावित असर
यह मामला न केवल संविदा कर्मचारियों का है, बल्कि इससे दिल्ली में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। इस विवाद के चलते ‘आप’ और बीजेपी के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या केजरीवाल इन कर्मचारियों की नौकरियां बहाल करवा पाते हैं या भाजपा अपने निर्णय पर अडिग रहेगी।

ITDC News की पूरी नजर इस मामले पर
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