सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल बारिश के मौसम का असर लोगों की सेहत पर हो रहा है। सबसे ज्यादा शिकायतें पेट खराब होने, लूज मोशन, बार-बार उल्टियां आने के साथ ही आंखों में इंफेक्शन और स्किन इंफेक्शन जैसी परेशानियां होने लगी हैं।

ऐसे में अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विशेषज्ञ, नेत्र रोग विभाग और चर्म रोग विभाग में पहुंच रहे हैं। पिछले हफ्ते के मुकाबले अभी ओपीडी में 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। खास बात यह है कि इन मरीजों को ठीक होने में 7 ​दिन तक का समय लग रहा है।

गेस्ट्रो इंटाइटिस के मरीज बढ़े

हमीदिया और जेपी में मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडी में 25% से ज्यादा मरीज सिर्फ गेस्ट्रो इंटाइटिस के आ रहे हैं। पेट दर्द की शिकायत के साथ लूज मोशन व उल्टियां भी बार होने से बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों को भी परेशानी हो रही है। जेपी के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जो मरीज शुरुआत में ही इलाज ले रहे हैं वह दो से तीन दिन में रिकवर हो रहे हैं। लक्षणों को नजरंदाज करने वालों को रिकवरी में हफ्तेभर से ज्यादा वक्त लग रहा है।

गंदा पानी इंफेक्शन की वजह

हमीदिया अस्पताल की आई ओपीडी में इन दिनों हररोज करीब 125 मरीज पहुंच रहे हैं। यहां सामान्य तौर पर ओपीडी 100 के करीब रहती है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सूरज कुबरे ने बताया कि जो मरीज आ रहे हैं उनमें अधिकांश इंफेक्शन की समस्याओं के ही हैं। लगातार बारिश के कारण आंखों में इंफेक्शन की समस्या बढ़ी है। लोगों को चाहिए कि बारिश का गंदा पानी आंखों में न जाने दें। दोपहिया वाहन चलाते वक्त बारिश के छींटों से बचें।

गीले कपड़े पहनने से बढ़ रहा फंगल इंफेक्शन
जेपी के सिविल सर्जन और मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के कारण फंगल इंफेक्शन के मरीजों में खासा इजाफा हुआ है। सामान्य दिनों में 40 से 50 मरीज हररोज फंगल और स्किन इंफेक्शन के आते हैं। एक हफ्ते में इनकी संख्या 100-120 तक पहुंच गई है।

परेशानी की ये है वजह
बारिश से पहले सड़कों पर कीचड़ हुआ। अब यह सूख रहा है जो वाहनों के पहियों के कारण उड़ता है। दोपहिया वाहन चालकों को इसी धूल से आंखों में इंफेक्शन हो रहा है। यही नहीं, बारिश का पानी भी आंखों में जाने के कारण यह परेशानी हो रही है।