सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: टीम इंडिया धर्मशाला में 7 मार्च को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मैच खेलने उतरेगी। यह भारत का ओवरऑल 579वां टेस्ट मैच होगा। अगर भारतीय टीम यह टेस्ट जीत जाती है तो पहली बार इसकी जीत की संख्या हार के बराबर होगी।
साल 1932 में पहला टेस्ट खेलने वाली भारतीय टीम ने अब तक 578 टेस्ट खेले हैं, इसमें से 177 में टीम को जीत और 178 में हार मिली।
धर्मशाला में जीतकर टीम इंडिया की जीत और हार का आंकड़ा 178-178 से बराबर हो जाएगा।
टेस्ट में सिर्फ 4 टीमों के नाम हार से ज्यादा जीत
इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान ने अपने टेस्ट इतिहास में जितने मुकाबले हारे हैं उससे ज्यादा जीते हैं। इंग्लैंड ने 392 मैच जीते, जबकि 323 गंवाए। ऑस्ट्रेलिया ने 412 मैच जीते, जबकि 232 गंवाए।
साउथ अफ्रीका ने 178 टेस्ट जीते, वहीं 161 गंवाए। पाकिस्तान ने 148 टेस्ट जीते और 142 हारे। इनके अलावा बाकी 9 टीमों ने टीमों में टेस्ट मैच जीते कम और हारे ज्यादा हैं। अब धर्मशाला में टीम इंडिया इसी रिकॉर्ड को सुधार सकती है।
भारत ने इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के बाद सबसे ज्यादा टेस्ट खेले
टीम इंडिया ने अब तक 578 टेस्ट खेले हैं। सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने के मामले में टीम तीसरे नंबर पर रही। 1070 टेस्ट के साथ इंग्लैंड पहले और 864 टेस्ट के साथ ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर है।
भारत ने 578 में से 177 में जीत दर्ज की, जबकि 178 में टीम को हार मिली। एक मुकाबला टाई रहा, वहीं 222 मुकाबले भारत ने ड्रॉ खेले।
घर में भारत ने 100 से ज्यादा टेस्ट जीते
घरेलू मैदान पर भारत ने 288 टेस्ट खेले हैं, 117 में टीम को जीत और 55 में हार मिली। एक मुकाबला टाई रहा, जबकि 115 ड्रॉ भी रहे। यानी घरेलू मैदान पर भारत महज 19% टेस्ट हारता है।
विदेश में 42% मैच गंवाए
विदेश में टीम ने 290 मैच खेले। महज 60 में टीम को जीत मिली, जबकि 123 मुकाबले टीम ने गंवाए। यानी विदेश में जीत-हार का रिकॉर्ड बराबर करने के लिए टीम को दोगुने से भी ज्यादा मैच जीतने पड़ेंगे। टीम ने विदेश में 107 मैच ड्रॉ भी कराए। जीत परसेंटेज महज 20.69% का रहा और 42.41% मुकाबलों में टीम को हार भी मिली।