भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को इंदौर में 100 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इंदौर में बनकर तैयार सरवटे बस स्टैंड का भी लोकार्पण किया। इसके साथ ही 55 एमएलडी वोटर ट्रीटमेंट प्लांट का भूमिपूजन और 300 स्थानों से 3 हजार बाइसिकल को किराए पर देने की योजना की शुरुआत भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल के माध्यम से की।

दरअसल इंदौर सरवटे बस स्टैंड 6 महीने से बनकर तैयार थी। जिसका आज मुख्यमंत्री शिवराज ने वर्चुअल के माध्यम से लोकार्पण किया। बस स्टैंड 14 करोड़ 80 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इस बस स्टैंड से इंदौर खंडवा बुरहानपुर के लिए 550 से अधिक बसें रोजाना संचालित होंगी। सर्व सुविधा युक्त बस स्टैंड के अंदर पूछताछ केंद्र, पुलिस कंट्रोल रूम और आहार कक्ष बनाया गया है। वही बस स्टैंड में वाटर कूलर अंडर ग्राउंड पार्किंग की सुविधा दी गई है।

इंदौर की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर जब भी आता हूं। मेरा मन स्वच्छ हो जाता है। इंदौर स्वच्छता में तो नंबर वन है। इंदौर की जनता का व्यवहार भी नंबर वन है। कहीं भी जाता हूं तो इंदौर का नाम मेरे मुंह पर हमेशा रहता है। इंदौर ने एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो मन को गर्भ और आनंद से भर देता है। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि और इंदौर की जनता को दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। इंदौर अद्भुत है। एक बात और है इंदौर की जनप्रतिनिधि और प्रशासन जनता को साथ लेकर आगे बढ़ता है।

आजकल हर जगह में यही कहता हूं इंदौर मॉडल लागू करो। इंदौर की तरह काम करो। इंदौर स्वच्छता सहित कई चीजों में आगे हैं। इंदौर हर क्षेत्र में नंबर वन रहे, मेरे सपनों का शहर है। आपके साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे। हम इंदौर को बाकी क्षेत्रों में भी नंबर वन बनाने में भी कोई कसर नहीं छोडेंगे। मुझे लगता है कि मैं भी इंदौरी हूं। यह कहते हुए मुझे भी गर्व होता है। यह सरवटे बस स्टैंड उसी दिशा में एक कदम है। आमतौर पर बस स्टैंड की जो हालत देखी है, वह गंदगी कचरे का ढेर नजर आता है। अलग तरह का फिल बस स्टैंड पर आकर होता है, लेकिन सरवटे बस स्टैंड सर्व सुविधा युक्त अत्याधुनिक बस स्टैंड के रूप में उभर के सामने आएगा।

300 स्थानों से 3 हजार बाइसिकल की शुरुआत

इंदौर को वातावरण में नंबर वन बनाने के लिए इंदौर नगर निगम का एक और प्रयास सफल हुआ है। जिसमें 300 स्थानों से 3 हजार साइकिल का संचालन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्चुअल के माध्यम से किया गया। जीपीएस एप्लीकेशन के माध्यम से एनसाइक्लो का संचालन किया जा रहा है। 10 में साइकिल 10 घंटे के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। उसके साथ ही 2 प्रति घंटा साइकिल चालक को अलग से देने होंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। इसे कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में की बाइसिकल की एप्लीकेशन डालकर साइकिल स्टैंड से जीपीएस टेक स्कैन करके साईकिल की राइटिंग शुरू कर सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसकी शुरुआत से पर्यावरण में हम भारत को 2070 तक कहां तक लेकर जाएंगे। इसको लेकर एक रोड में बनाया गया है। अगर पर्यावरण प्रदूषण कम करना है। खत्म करना है, तो हमको प्रदूषण प्रदूषण ना फैलाने वाली परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा देने का प्रयास करना पड़ेगा। बैटरी चलित वाहनों को बढ़ावा देना पड़ेगा। कहीं भी आना जाना है, तो साइकिल से अच्छी सवारी की जा सकती है। इंदौर साइकिल की सवारियों के लिए बहुत उपयुक्त स्थान है।

भोपाल में काफी पहाडिय़ों होने के कारण काफी दिक्कतें होती हैं। कई बार ऐसा लगता है कि साइकल को पहाड़ी पर चला नहीं पाएंगे। उतरकर पैदल चलना पड़ेगा, लेकिन इंदौर मां अहिल्या देवी की नगरी है। यहां पर साइकिल चलाना संभव है। यह पर्यावरण को भी बचाएगी। डीजल पेट्रोल की खपत को भी कम करेगी और स्वच्छ इंदौर चलाएगा। साइकिल की स्वस्थ सवारी कई बार डायबिटीज जैसी बीमारी को खत्म करती है। हम मेहनत करते ही नहीं है। दरवाजा खोला और गाड़ी में बैठ गए। इससे सेहत भी अच्छी रहेगी। जैसे अपने आप एक्सरसाइज हो जाएगी। सभी स्वस्थ रहेंगे। वातावरण स्वस्थ रहेगा। इस पहल के लिए भी इंदौर नगर निगम को आदरणीय जनप्रतिनिधियों को बधाई देता हूं।

 

80 करोड़ के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भूमि पूजन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर वाटर प्लस शहर है। हम वाटर प्लस में एक और सौगात देने जा रहे हैं। लगातार स्वच्छता में काम करते जा रहे हैं। अभी नगर लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल के बाद 37 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। जिसमें 39 करोड़ 18 लाख रुपए लागत इसमें आएगी। लेकिन बड़ी खुशी की बात है कि खान नदी में शुद्ध जल प्रभावित होगा। कई बार उज्जैनवासी कहते हैं कि शिप्रा में जो गंदा पानी मिलता है। वह इंदौर तरफ से मिलता है। मैं मानता हूं शिप्रा जी में भी शुद्ध जल प्रभावित कर पाएंगे। वह भी हमारा टारगेट है। मुझे लगता है कि जलना केवल औपचारिक होगा। बल्कि उसका पुनर उपयोग भी हो जाएगा। इस जल का उपयोग हम बाकी कामों में कर सकते हैं। सिरपुर तालाब में 20 एमएलडी वाटर प्लांट बनाया जा रहा है। 40 करोड़ 6 लाख की लागत से तैयार होगा। 12 माह में इस ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो जाएगा। यह भी स्वच्छता में मील का पत्थर साबित होगा।