आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : देशभर में 24 घंटे में 797 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, 798 मरीज ठीक हुए और 5 की मौत हुई है। 7 महीने बाद कोरोना के इतने मामले दर्ज हुए हैं। इससे पहले 19 मई 2023 को 865 केस रिपोर्ट हुए थे।
देश में कुल एक्टिव केस की संख्या 4091 हो गई है। यानी इन मरीजों का फिलहाल इलाज चल रहा है। इनमें से केरल में सबसे ज्यादा 2522, कर्नाटक में 568 और महाराष्ट्र में 369 संक्रमित हैं।
वहीं, कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या 145 हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं और हॉस्पिटलाइजेशन रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
फरवरी 2020 में देश में पहला कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। तब से अब तक देश में 4.50 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 4.44 करोड़ ठीक हुए हैं। जबकि 5.33 लाख की मौत हुई है।
नए वैरिएंट को लेकर दिल्ली के अस्पताल में बेड रिजर्व्ड
कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली के अस्पतालों में बेड रिजर्व रखे जा रहे हैं। एम्स के बाद अब सफदरजंग अस्पताल ने भी गुरुवार (28 दिसंबर) को 50 बेड रिजर्व रखने का फैसला किया है। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि 50 बेड के अलावा 9 ICU बेड भी रिजर्व रखे गए हैं। साथ ही ऑक्सीजन, PPE किट और कोविड टेस्टिंग किट भी एक्सिस में मंगवा ली है।
सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट और सफदरजंग अस्पताल के पूर्व HOD डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा- JN.1 ओमिक्रोन का ही वैरिएंट है। यह बहुत हल्का वायरस है। किसी नॉर्मल वायरल इन्फेक्शन की तरह ही यह वायरस भी है। हमें नहीं लगता इस वैरिएंट की वजह से अस्पताल में मरीज बढ़ेंगे।
41 देशों में फैला JN.1 वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट अब तक 41 देशों में फैल चुका है। फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और स्वीडन में JN.1 के मामले सबसे ज्यादा हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सभी केसेज हल्के लक्षण के हैं।
WHO ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण कहता है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट पर पूरी तरह से कारगर है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।
हालांकि WHO ने सावधानी के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंद या दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने को भी कहा गया है।