भोपाल । डेंगू के अभी तक जितने मरीज मिले हैं उनमें से 100 से ज्यादा डेंगू पीडि़त ठीक तो हो चुके हैं, मगर शरीर में कमजोरी, बदन व जोड़ों के दर्द से निजात नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग इस बात का विशेष ध्यान रख रहा है कि डेंगू का वायरस अपना वेरिएंट तो नहीं बदल रहा है।
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से शहर में हर दिन डेंगू के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, मगर जितने मरीज मिल रहे हैं, उनमें से 100 से ज्यादा ठीक भी हो चुके हैं।
4 वेरिएंट का होता है डेंगू वायरस
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू वायरस के 4 वेरिएंट होते हैं, जो डेन -1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 हैं, मगर इनमें से मुख्य 3 वेरिएंट होते हैं।
डेन -1
डेंगू वायरस पीडि़त में यह लक्षण दिखाई देते हैं। साधारण डेंगू बुखार में ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आता है। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होता है जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है। अत्यधिक कमजोरी होना, भूख न लगनास, जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में दर्द होना, चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के चकत्ते होना, ये सभी सामान्य डेंगू बुखार के लक्षण हैं। यह करीब 5 से 7 दिन तक रहता है।
डेन -2
डेंगू हैमरेजिक बुखार दूसरे प्रकार का डेंगू है। नाक और मसूड़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना, त्वचा पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते पड़ जाना इसके लक्षण हैं।
डेन-3
डेंगू शॉक सिंड्रोम तीसरे प्रकार का डेंगू है। इसमें मरीज बहुत बेचैन हो जाता है और धीरे-धीरे होश खोने लगता है। तेज बुखार के बावजूद ठंड लगना, नाड़ी कभी तेज चलना तो कभी धीरे चलना और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाना।
डेन-4
डेंगू वायरस का डेन -4 वेरिएंट अत्यधिक खतरनाक होता है। इससे मरीज की मौत की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
भोपाल में अभी तक डेंगू का डेन-1 वेरिएंट, इसलिए खतरा कम…
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भोपाल में अभी तक डेंगू वायरस का वेरिएंट डेन -1 में ही है। चिंता की कोई बात नहीं है। नए मरीज मिल रहे हैं तो उससे 3 गुना मरीज ठीक हो रहे हैं। हमारी टीमें लगातार लार्वा का सर्वे कर रही हैं। जहां लार्वा पॉजिटिव मिल रहा है, वहां इसे तुरंत नष्ट किया जा रहा है। रहवासियों को समझाइश दी जा रही है कि डेंगू के लक्षण महसूस होने पर स्वयं दवाई न लें, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और ब्लड की जांच कराएं।