सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बीते 3 सालों में डायरेक्ट टू होम ब्रॉडकास्टिंग यानी डीटीएच इंडस्ट्री ने 76 लाख ग्राहक खोए हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2024 तक देश में 6.2 करोड़ डीटीएच ग्राहक थे, जो 31 मार्च 2021 में 6.96 करोड़ थे। यानी देश के डीटीएच ऑपरेटर साल 2021 के बाद से हर साल 25 लाख से ज्यादा ग्राहक खो रहे हैं।

मार्केट एनालिस्ट के मुताबिक इसकी वजह देश में बढ़ते ब्रांड बैंड कनेक्शन और ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं। साथ ही, इनसे संबंधित जटिल नियम भी हैं, जो ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर की गतिशीलता को रोक रहा है। यह गिरावट तब है, जब डीटीएच ऑपरेटरों ने नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को अपने नेटवर्क पर जोड़ा है। टाटा प्ले, भारती एयरटेल के स्वामित्व वाली भारती टेलीमीडिया, डिश टीवी और सन डायरेक्ट- की संयुक्त आय वित्त वर्ष 2022-23 में 10% घटकर 11,072 करोड़ रह गई थी।

क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट्स की फ्री स्ट्रीमिंग ने भी डीटीएच का क्रेज कम किया

3 साल में इंटरनेट यूजर्स 18.76% बढ़कर 92.40 करोड़ हो गए हैं। इनमें मोबाइल यूजर्स की हिस्सेदारी 95.7% है। वाई-फाई, वाई-मैक्स, जैसे फिक्स्ड वायरलैस सब्सक्राइबर एक साल में 40% घट गए हैं। जून 2023 में 9.5 लाख थे, जो 31 मार्च 2024 को 6.7 लाख रह गए।

जियो सिनेमा और डिज्नी हॉटस्टार पर क्रिकेट मैचों की मुफ्त स्ट्रीमिंग के चलते भी गिरावट आई। डीटीएच प्लेटफॉर्म ग्राहकों को जोड़ने के लिए बड़े खेल आयोजनों का इस्तेमाल करते हैंं। मुफ्त क्रिकेट स्ट्रीमिंग ने नए ग्राहकों को आकर्षित करने की उनकी क्षमता को प्रभावित किया।

प्रसार भारती के स्वामित्व वाले डीडी फ्री डिश और नेटफ्लिक्स और प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों में गिरावट देखी जा रही है। ओटीटी और डीडी फ्री डिश क्रमशः भुगतान डीटीएच ग्राहकों के ऊपरी और निचले स्तर को कम कर रहे हैं। एक्सपर्ट व्यू: सस्ता होने की वजह से डीटीएच मांग में रहेगा

मार्केट रिसर्च फर्म ईवाई के टीएमटी लीडर प्रशांत सिंघल कहते हैं कि टियर-1 और टियर-2 शहरों के अधिकांश घरों में होम ब्रॉडबैंड अब एक जरूरी सुविधा बन गया है। इंटरनेट के साथ ओटीटी चैनल और साथ ही कई सैटेलाइट चैनल की सुविधा मिलने से अब सब्सक्राइबर डीटीएच के बजाय होम ब्रॉडबैंड पर ओटीटी पैक में अपग्रेड कर रहे हैं। किफायती होने की वजह से डीटीएच प्रासंगिक बना रहेगा।

कोआन एडवाइजरी के विवान शाह का कहना है कि दूरसंचार विभाग के जटिल आर्थिक रेगुलेशन भी डीटीएच इंडस्ट्री को नुकसान पहुंच रहे हैं। डीटीएच कंपनियां लगातार दो मांगें कर रही हैं। वे चाहते हैं कि नियामक डीटीएच सेवाओं पर 8% लाइसेंस शुल्क को खत्म कर दे। दूसरे, वे टीवी चैनलों के लिए टैरिफ दरों पर पूरी तरह से रोक चाहते हैं।