सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /  आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत सदैव अध्यात्म, सेवा, साधना और ज्ञान की भूमि रहा है। इसी परंपरा में आज के भारत का सबसे बड़ा बल है—उसकी युवा शक्ति। देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या युवा है, जो देश को प्रगति, नवाचार और वैश्विक नेतृत्व के पथ पर अग्रसर कर रही है।

स्वामी विवेकानंद का मानना था कि युवा वही है जो अतीत की चिंता किए बिना भविष्य के लक्ष्यों की ओर अग्रसर होता है। आज के युवा ने उनके इस विचार को साकार कर दिखाया है। स्टार्टअप, इनोवेशन और डिजिटल क्रांति से लेकर खेल के मैदान तक भारत के युवाओं ने वैश्विक पहचान बनाई है।

जहां एक ओर देश में हर वर्ष 15,000 से अधिक पेटेंट दर्ज हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर 26,000 से अधिक स्टार्टअप्स का उदय इस बात का प्रमाण है कि भारत का युवा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। स्वच्छ भारत अभियान, हेकाथॉन, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों में युवाओं की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।

भारत का युवा सिर्फ तकनीकी रूप से ही नहीं, बल्कि संस्कृति, सभ्यता और करुणा में भी गहराई से जुड़ा हुआ है। आध्यात्म और विज्ञान का यह समन्वय भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।

आज आवश्यकता है कि हम युवा शक्ति की ऊर्जा को दिशा दें, उन्हें अवसर दें और राष्ट्र निर्माण की इस प्रक्रिया में उन्हें सहभागी बनाएं। तभी “विकसित भारत” का स्वप्न साकार होगा।

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