लंदन । कोरोना के घातक वायरस से परेशान दुनिया के लिए नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर कुछ अच्छी खबर ब्रिटेन से आ रही है। हम इसे कोरोना के अंत की शुरुआत कह सकते हैं। यह कहना भले अभी जल्दबाजी हो यूके में 80 की उम्र वाले लोगों की अस्पताल में रुकने की अवधि ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को बड़ी राहत दी है। आंकड़े बताते हैं कि तीसरी लहर के दौरान पिछले साल 1 मई से 80 पार के लोगों की अस्पताल में रुकने की अवधि औसतन 11 दिन थी। वहीं 1 दिसंबर के बाद से जब से ओमिक्रॉन की लहर ने दस्तक दी है, अस्पताल में रुकने की अवधि घटकर आधी रह गई है।

ऐसा हालांकि, सिर्फ 80 की उम्र के साथ नहीं है, चाहे बात 50 से 69 के उम्र समूह की हो या 70 से 79 उम्र समूह की। वहां भी यही स्थिति देखी गई है। इससे अच्छी बात यह है कि जो लोग 50 के नीचे उम्र वाले हैं, वह अस्पताल में 3 से 4 दिन में ही ठीक हो रहे हैं। दिसंबर में तेजी से होने वाली रिकवरी के पीछे वैक्सीन और दवा का असर और ओमिक्रॉन वेरिएंट का हल्का होना माना जा रहा है। आकलन के मुताबिक, कोविड-19 से मरने वालों की दर में 24 गुना कमी देखने को मिली है। यह घटकर 0.15 प्रतिशत रह गई है।

इस संबंध में दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि मरीजों के अस्पताल में रुकने की अवधि घटी है। वहां हुए एक अध्ययन के मुताबिक यह ओमिक्रॉन वेरिएंट पिछले अन्य वेरिएंट की तुलना में 10 गुना कम घातक है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजिला में मेडिसिन के प्रोफेसर पॉल हंटर का कहना है कि यूके में वेरिएंट ठीक वैसा ही बर्ताव कर रहा है, जैसा दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला था।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि यूके में पिछले 24 घंटों में करीब 179,756 पॉजिटिव टेस्ट दर्ज किए गए, जो पिछले हफ्ते की तुलना में 5 प्रतिशत कम था। इससे यह जाहिर होता है कि ओमिक्रॉन की लहर अब सर्पिलाकार नहीं रही है। इसी तरह हाल ही में मिले अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि यूके में 2 जनवरी को करीब 2078 मरीज आए थे, जो एक हफ्ते पहले से 3 प्रतिशत कम था, इसी तरह 231 मौतें दर्ज की गईं, जो उससे पहले हफ्ते से 30 प्रतिशत कम थीं। इसी तरह लंदन जहां ओमिक्रॉन का कहर सबसे ज्यादा बरपा था, वहां भी अस्पतालों में दाखिले की दर में हफ्ते में 19 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। यह गिरावट दिन पर दिन लगातार देखी जा रही है। पिछले साल जनवरी में पीक के दौरान जहां रोजाना 900 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे थे वहीं इस साल जनवरी में यही आंकड़ा 400 के करीब है।

हालांकि 60 से ऊपर उम्र वालों औऱ कमजोर इम्यूनिटी वालों को लेकर चिंता अभी भी बनी हुई है। इसी तरह एक और आशा की किरण जेडओई कोविड लक्षणों के अध्ययन में देखने को मिलती है, जिससे पता चलता है कि 3 जनवरी तक 20,8471 लोग रोजाना कोविड के घेरे में आ रहे थे, जिसमें कमी आ रही है और यह कमी 18 से 35 वर्ष के उम्र समूह में देखने को मिल रही है, इसी वजह से लंदन में आंकड़े तेजी से नीचे आ रहे हैं। अब जब स्थिति नियंत्रण में आ रही है तो यूके में आइसोलेशन अवधि को कम करने पर विचार किया जा रहा है। क्योंकि ओमिक्रॉन के मामलों में 7 दिन के भीतर लोग ठीक हो रहे हैं। लेकिन साथ ही इस बात पर जोर डाला जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाएं और सुरक्षा के मानकों पर ध्यान दें।