सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: लखनऊ, 20 अगस्त 2024: वसीम रिजवी, जो अब जितेंद्र त्यागी के नाम से जाने जाते हैं, की नई फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ ने एक बार फिर विवाद पैदा कर दिया है। रिजवी, जो पहले लखनऊ शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं और अब हिंदू धर्म को मानते हैं, ने इस फिल्म के माध्यम से बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की स्थिति को उजागर करने का दावा किया है।
रिजवी का कहना है कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है और इसमें बांग्लादेश में हिंदू परिवारों के खिलाफ हुए अत्याचारों को दिखाया गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि एक घटना, जिसमें 2001 में बांग्लादेश में एक हिंदू परिवार पर हमला हुआ था और एक 14 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया गया था, को फिल्म में दर्शाया गया है। रिजवी के अनुसार, इस फिल्म को छह महीने पहले ही शूट किया गया था और इसमें बांग्लादेश में हाल ही में हुई घटनाओं को भी शामिल किया गया है।
फिल्म की रिलीज की टाइमिंग पर सवाल उठाए गए हैं। रिजवी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि फिल्म पहले से तैयार थी और हालिया घटनाएं इसके उपकथान को पुष्ट करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी फिल्म लव जिहाद और आतंकवादी विचारधाराओं पर भी प्रकाश डालती है।
फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गए मदरसे के बम विस्फोट के दृश्य पर भी विवाद खड़ा हुआ है। रिजवी ने कहा कि यह दृश्य बांग्लादेश के मुर्शिदाबाद के एक मदरसे में हुए वास्तविक बम विस्फोट पर आधारित है।
फिल्म के निर्माण और उसके संभावित राजनीतिक उद्देश्यों पर भी सवाल उठाए गए हैं। रिजवी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि फिल्म के निर्माण के लिए उन्होंने किसी पार्टी से फंडिंग नहीं ली है और यह पूरी तरह से उनके निजी संसाधनों से बनी है।
सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को लेकर उठाए गए सवालों पर रिजवी ने कहा कि उनकी फिल्म का उद्देश्य सच्चाई को उजागर करना है और वे किसी भी धर्म को टारगेट नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी जान को खतरा होने के बावजूद वे अपने मकसद पर अडिग हैं और मौत से नहीं डरते।
फिल्म की रिलीज की तारीख और इसके बाद की प्रतिक्रियाओं को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह निश्चित है कि ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ ने एक बार फिर समाज में विवाद और चर्चा का एक नया बिंदु प्रस्तुत किया है।