सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: साल पुरानी ऐतिहासिक रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर ‘शिवाजी कोठी’ किए जाने के फैसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। 18 अक्टूबर को महापौर परिषद ने रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलने का निर्णय लिया था, जिसके बाद स्थानीय संगठनों और समाज के लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।

रेसीडेंसी कोठी, जो 1820 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी और जिसने 1857 की क्रांति के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, अब शिवाजी महाराज के नाम से जानी जाएगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नाम परिवर्तन के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि यह नाम अंग्रेजों की पहचान को दर्शाता है, इसलिए इसे बदलने का निर्णय लिया गया।

संस्थाओं का विरोध

‘पुण्यश्लोका’ संस्था ने इस नाम परिवर्तन का विरोध करते हुए मांग की है कि इसका नाम देवी अहिल्या बाई के नाम पर रखा जाए। संस्था के कार्यकर्ताओं ने रेसीडेंसी कोठी के मुख्य द्वार पर देवी अहिल्या कोठी का बैनर भी लगाया है। संस्था के अनुसार, यह फैसला राजनीति से प्रेरित है और इसमें जनता की राय नहीं ली गई।

सआदत खान के वंशजों की मांग

1857 के विद्रोह के शहीद सआदत खान के वंशजों ने भी इस बिल्डिंग का नाम उनके नाम पर रखने की मांग की है। सआदत खान के वंशज रिजवान खान का कहना है कि रेसीडेंसी कोठी के इतिहास में सआदत खान की शहादत का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए इमारत का नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए।

महापौर का सम्मान और मराठा नव निर्माण सेना का समर्थन

क्षत्रिय मराठा नव निर्माण सेना ने इस नाम परिवर्तन का स्वागत किया और महापौर पुष्यमित्र भार्गव का सम्मान करते हुए उन्हें मराठी टोपी पहनाई और शिवाजी महाराज का चित्र भेंट किया। मराठा सेना के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत कुंजीर ने इस नाम परिवर्तन को ऐतिहासिक धरोहर का सही सम्मान बताया।

कांग्रेस का विरोध

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसका विरोध किया है। कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव के अनुसार, महाराष्ट्र में चुनाव को ध्यान में रखते हुए रेसीडेंसी का नाम बदलकर शिवाजी कोठी रखा गया है, जो देवी अहिल्या की उपेक्षा है।

नया नाम ‘शिवाजी वाटिका’ और आगामी विकास कार्य

महापौर परिषद ने रेसीडेंसी कोठी को ‘शिवाजी वाटिका’ नाम देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही यहां मल्टी-लेवल पार्किंग की रूफटॉप पर प्ले जोन, हॉकर्स जोन और स्पोर्ट्स एक्टिविटी एरिया बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

इस विवादित नाम परिवर्तन पर इंदौर में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है, और यह देखना होगा कि भविष्य में इस पर क्या निर्णय लिया जाएगा।