बुरहानपुर । प्रधानमंत्री आवास योजना की परत दर परत खुलकर योजना का सच सामने आ रहा है जिस से गरीब परेशान हो रहा है। योजना को लेकर राजनीतिक रूप से खूब ढंडोरा पीटा जाता है लेकिन जिन गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिला है वह अपने कच्चे मकान तोड कर खुले में रहने को मजबूर है, पहले डीपीआर में नाम शामिल कराने से लेकर प्रथम द्वितीय और अंतिम किश्त के नाम पर परेशान होते हितग्राही अपने कच्चे आशियाने को तोड पछताने को मजबूर है, नगर निगम के द्वारा दो से अधिक वर्ष बीते जाने के बाद भी लाभर्थीयों को दूसरी और अंतिम किश्त का भुगतान नही होने से आधे अधूरे निर्माण अधर में अटके है। नगर निगम प्रशासन योजना के नियमो का हवाला देकर अपना पल्ला झाड रहा है जब कि अनेकलाभर्थी दूसरी किश्त के लिए भी निगम के चक्कर काट कर परेशान है, योजना की डीपीआर 6200 की अंतिम किश्त के लिए डीपीआर के 90 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर ही अंतिम किश्त के भुगतान का प्रावधान होने से इस में राशि नही मिलने से हितग्राहीयों के खाते में किश्तो का भुगतान अटका हुआ है, इस सम्बंध में राजपुरा वार्ड पार्षद सरीता राजेश भगत ने बताया कि वह वार्ड के लाभर्थीयों की दूसरी और अंतिम किश्त के भुगतान के लिए अनेक बार निगम आयुक्त का ध्यान आकर्षित करा चुके है, परंतु केवल आश्वासन ही मिल रहा है जब कि वार्ड के 70 प्रतिशत से अधिक लाभर्थी अपनी दूसरी किश्त के बाद अपना 70 प्रतिशत निर्माण पूर्ण कर चुके है अब उन्हें अंतिम किश्त की आवश्यक्ता है ताकि वह अपना निर्माण पूरा कर अपने आश्याने में रह सके, परंतु किश्तो की लेट लतीफी ने परेशान कर रखा है वहीं प्रथम किश्त के बाद मकान तोड निर्माण आरंभ करने वाले लाभर्थी अब दूसरी किश्त के इंतेजार में निमा्रण अधूरा छोड परेशान है। प्रधानमंत्री आवास योजना का जितना राजनेताओं ने राजनीति करण कर वाहवाही लूटी है, वह नेता अब किश्तो के भुगतान समय पर कराने के नाम आगे नही आ रहे हे जिस से योजना के लाभर्थी ऐसे नेताओं पर अपनी नाराजगी दिखाकर विरोध कर रहे है।