सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : 75वें संविधान दिवस के शुभ अवसर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय – ‘ लिविंग कांस्टीट्यूशन : इवोल्विग़ विद टाइम’ था।

कार्यशाला का आरंभ सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्वलन के साथ विवि के ज्ञान विज्ञान भवन में हुआ। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि न्यायाधीश वेद प्रकाश शर्मा, मुख्य अतिथि एडिशनल डीजीपी सीआईडी पवन श्रीवास्तव तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि के कुलगुरु एस. के. जैन ने की। संयोजन विधि विभाग की विभागाध्यक्ष मोना पुरोहित ने किया।
कार्यशाला का प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा विधि शिक्षण एवं शोध विभाग के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किया गया सामाजिक समस्याओं को दर्शाता नुक्कड़ नाटक रहा।
तदुपरांत अतिथियों का स्वागत किया गया।

निदेशक मोना पुरोहित ने स्वागत वक्तव्य के साथ अतिथियों का परिचय प्रदान किया तथा संविधान के महत्व संविधान प्रदत्त अधिकारों, कर्तव्यों एवं विविध संवैधानिक परिवर्तनों से परिचित कराया।
इसके बाद विभाग के विभिन्न संस्थाओं में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
विशिष्ट अतिथि पवन श्रीवास्तव ने अपना वक्तव्य दिया। जिसमें उन्होंने संविधान से संबंधित अनुभवों को साझा किया तथा उन्होंने सामाजिक, भारतीय परंपराओं के संदर्भ में संविधान के महत्व को बताया।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वेद प्रकाश शर्मा ने अपने उद्बोधन में मानवमात्र के जीवन में संविधान के महत्व, विकास के साथ ही कहा कि प्रतिवर्ष संविधान दिवस मनाने से विद्यार्थियों में उत्साह का संचार होता है। विधि से संबंधित विविध विषयों की समझ विकसित होती है, ज्ञान की वृद्धि होती है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विवि के कुलगुरु एस. के. जैन ने कहा कि संविधान का हमारे जीवन पर प्रभाव तथा संविधान की सार्थकता को बताया और संविधान के प्रति अपने कर्तव्य, सम्मान को प्रदर्शित करने का प्रण लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के समापन के अवसर पर आभार प्रदर्शन कुलसचिव आई. के. मंसूरी ने किया।
विधि विभाग में तीन तकनीकी सत्रों समानांतर सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा संविधान में इतिहास, राजनीति और समाजशास्त्र के महत्व पर चर्चा की गई। विभाग के मूट कोर्ट हॉल में विधिक तकनीकी सत्र का आयोजn किया गया जिसके अध्यक्ष राजीव खरे, सह- अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, समन्वयक आरुषि गौर एवं सुश्री साक्षी सिंह थे।
सत्र में संविधान की जीवंतता पर विस्तृत चर्चा की गई।
समानांतर सत्र में इतिहास विषय के विशेषज्ञ सत्र के अध्यक्ष बीरपाल सिंह, सह-अध्यक्ष प्रो. शैल प्रधान तथा आशा मिश्रा , समन्वयक सविता सिंह भदौरिया एवं इशरत कुरैशी थी। सत्र प्रेजेंटेशन हॉल में किया गया जिसमें भारत की संवैधानिक परंपरा के बारे में वैदिक काल से वर्तमान काल तक की ऐतिहासिक परंपरा और संवैधानिक स्थिति पर चर्चा की गई तथा राजनीति विषय से संबंधित सत्र की अध्यक्षता राका आर्या, सह – अध्यक्षता मंगला गौरी ने की तथा सत्र की समन्वयक गीता चौहान एवं सुश्री याशना सिंह थी। तकनीकी सत्र कॉन्फ्रेंस हॉल में किया गया। जिसमें संसद में संवैधानिक प्रक्रिया, पंचायत राज तथा कर्तव्यों, अधिकारों की चर्चा प्रमुख रही।

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