सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भाभा विश्व विद्यालय, भोपाल में भारतीय संविधान दिवस का आयोजन बड़े ही समारोह पूर्वक एवं रंगारंग कार्यक्रमों के साथ किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन विश्व विद्यालय के विधि विभाग द्वारा किया गया था जिसमें जहां एक तरफ भारत के संविधान के विषय में विस्तार से विचार विमर्श किया गया तो वहीं दूसरी ओर संविधान की बारीकियों से भी सभी विभाग प्रमुखों एवं छात्रों के साथ उपस्थित जन समुदाय को अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवा निवृत प्रधान जिला न्यायाधीश एम. पी. तिवारी साहब ने अपने वक्तव्य में भीड़ से खचाखच भरे सेमीनार हॉल में श्रोताओं को संविधान के वास्तविक मूल्यों एवं वर्तमान में उनकी उपयोगिता के साथ साथ देश की तत्कालीन परिस्थितियों में समाज के संवैधानिक मूल्यों पर भी प्रकाश डाला।
निदेशक तिवारी ने संविधान की मूलभूत जानकारी के साथ विधियों के निर्वचन के संबंध में न्यायपालिका की भूमिका की भी जानकारी दी।
देश के तीनों स्तंभों न्यायपालिका, व्यवस्थापिका एवं विधायिका के कार्य विभाजन एवं आम नागरिकों के अधिकार कर्तव्य के साथ साथ राज्य के नीति निर्देशक तत्वों पर भी काफी विस्तार से बताया निदेशक तिवारी ने लोगों से अपील की कि अपने संवैधानिक अधिकारों की चाह रखने वालों को अपने संवैधानिक कर्तव्यों पर भी ध्यान देना होगा तभी हम एक सभ्य एवं सुदृढ़ समाज का निर्माण कर सकते हैं।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित भोपाल जिला अभिभाषक संघ के पूर्व सचिव वासू वासवानी अधिवक्ता ने अपने संक्षिप्त एवं सार गर्भित वक्तव्य में वर्तमान न्याय व्यस्था एवं अधिकार प्रत्यायोजन व्यव्स्था से विश्व विद्यालय परिवार को अवगत कराया जबकि कार्यक्रम की अन्य अतिथि उदय सोशल डेवलपमेंट सोसायटी की संयुक्त निदेशक सिस्टर रोशलिन ने ग्रामीण क्षेत्रों एवं समाज के वंचित समुदायों मुख्यतः महिलाओं एवं बच्चों को उनके अधिकार संरक्षण में अवरोधक बन रहे कारणों एवं उनके समाधानों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के कुलपति दिलीप डे ने अपने भाषण में संविधान की अच्छाइयों को उजागर करते हुए भारतीय संविधान की आत्मा प्रस्तावना के महत्व को उजागर किया साथ ही लिखित एवं अलिखित संविधान के अंतर को स्पष्ट किया तो भाभा समूह के प्रो व्ही. सी. डॉ एन. के. अग्रवाल ने वर्तमान सामाजिक परिवेश में संवैधानिक प्रावधानों के साथ किए जा रहे उल्लंघनों का उदाहरण देते हुए हमें संविधान एवं कानून के अनुसार चलने पर मिलने वाली प्रतिष्ठा एवं जीवन मूल्यों के बारे में बताया साथ ही विधि के शासन की अनिवार्यता पर बल दिया।
भाभा समूह के ग्रुप निर्देशक मनोज शुक्ला ने भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों तथा विधियों के लाभकारी निर्वचन के साथ साथ न्याय व्यव्स्था में सुधार की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम. पी. तिवारी ने सभी को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई एवं कार्यक्रम के अंत में विधि विभाग के अधिष्ठाता शैलेन्द्र मोदी ने सभी उपस्थित अतिथियों एवं भाभा परिवार का धन्यवाद प्रेषित कर वर्तमान बदलते सामाजिक परिवेश में अपने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा पर जोर दिया। कार्यक्रम में छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम के साथ साथ नुक्कड़ नाटक की अप्रतिम प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को और भी रोचक एवं उपयोगी बनाया। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान के साथ किया गया।
भाभा विश्व विद्यालय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रसाद पिल्लई ने इस शुभ अवसर पर संपन्न सफल आयोजन पर सभी को बधाई प्रेषित की।
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