सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को ED को ‘गुलाम निदेशालय’ बताया। प्रियांक ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक गुलाम निदेशालय बन गया है। वे भाजपा सरकार की असहाय और लाचार कठपुतलियों के अलावा कुछ नहीं हैं। मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) मामले में CM सिद्धारमैया के खिलाफ ED की जो रिपोर्ट लीक की गई है, वह पूरी तरह से मनगढ़ंत है।’

दरअसल साल 1992 में मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई।

MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी।

ED ने जानबूझ कर रिपोर्ट लीक की- प्रियांक खड़गे प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह सब राजनीतिक मंशा से किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है। उन्होंने कहा कि ED ने जानबूझकर रिपोर्ट को मीडिया में लीक किया ताकि अदालत पर दबाव डाला जा सके और मामला पक्षपाती हो जाए।

अदालत के मन में पूर्वाग्रह पैदा करने का एक शर्मनाक प्रयास है। उन्होंने यह भी पूछा, आखिर भाजपा कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच एजेंसी पर लगाए आरोप बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई से पहले लोकायुक्त को पत्र लिखने पर कहा कि ED अदालत को प्रभावित करना चाहता था।

उन्होंने X पर लिखा, हमारी याचिका की हाईकोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले ED लोकायुक्त को पत्र लिखता है। यह साफ तौर पर न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश है। ED की जांच भी सवालों के घेरे में है। सही तरीका यह होता कि वे अपनी जांच पूरी करने के बाद लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपते। लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपना और उसे मीडिया में लीक करना राजनीतिक द्वेष है।

अदालत ने लोकायुक्त को 24 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। उन्होंने आगे कहा, यह लोकायुक्त रिपोर्ट को प्रभावित करने के इरादे से भी किया गया था। राज्य के लोग इस पत्र को लिखने के पीछे के मकसद को समझेंगे।

ED का दावा- MUDA ने कुल 1,095 साइटों को अवैध रूप से आवंटित किया ED ने दावा किया था कि MUDA ने बेनामी और अन्य लेन-देन में कुल 1,095 साइटों को अवैध रूप से आवंटित किया था। ED ने यह भी कहा कि CM सिद्धारमैया की पत्नी का नाम भी इसमें अवैध रूप से शामिल है। जब CM से कैबिनेट फेरबदल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे नकारते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा और हाई कमांड से भी इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है।

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