मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। आज विधानसभा में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। कांग्रेस ने 51 मुद्दों पर करीब 104 पेज का आरोप-पत्र तैयार किया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को आरोप पत्र सौंपा है। इससे पहले 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
विपक्ष
ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। पोषण आहार घोटाला, शराब
की अवैध बिक्री, महाकाल लोक, ईओडब्ल्यू की भूमिका, नेताओं की सुरक्षा और
सम्मान में चूक, विपक्ष के विधायकों से भेदभाव, आदिवासियों के हितों की
रक्षा में असफलता, प्रदेश की खराब होती वित्तीय व्यवस्था, सरकार पर लगातार
बढ़ते कर्ज, कारम डैम, राम वन गमन पथ को नष्ट करने, गोशालाओं की दुर्दशा, नल
जल योजना में भ्रष्टाचार, अविवाहित बेटियों और विधवा महिलाओं को पेंशन न
मिलने, अनुकंपा नियुक्ति में बेटियों को नौकरी न देने जैसे मुद्दों समेत 51
बिंदुओं पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- विधानसभा अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने जल्दी समय देंगे
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने चर्चा में कहा- हमने 13 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी थी। सोमवार को कमलनाथ जी और वरिष्ठ साथियों के साथ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है। इसके लिए स्पीकर से चर्चा कराने का अनुरोध किया है। स्पीकर ने जल्दी निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। सरकार भी इस मामले पर लगभग सहमत सी दिख रही है। क्योंकि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सरकार की ओर से विरोध नहीं किया गया। 51 बिंदुओं को मैंने अपनी ओर से प्रस्तुत किया है। बाकी हमारे साथी विधायक अलग-अलग मुद्दे उठाएंगे।
डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि किसान, युवा, बेरोजगार, महिलाएं, छोटे व्यापारी सब परेशान हैं। नर्सिंग घोटाला, कोरोना घोटाला जैसे कई मामले हैं। जब हम 38 विधायक थे, तब अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। सदन का 10 फीसदी संख्याबल होना चाहिए। आज तो उससे कहीं ज्यादा है।
सरकार चर्चा के लिए तैयार: नरोत्तम मिश्रा
अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है। सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सभी सम्माननीय सदस्य सारगर्भित चर्चा करें। अविश्वास प्रस्ताव के लिए जो भी तारीख विधानसभा अध्यक्ष तय करेंगे, सदस्यों ने कहा कि चर्चा होनी चाहिए, तो चर्चा होगी।
ये मुद्दे भी उठाएगी कांग्रेस
सूत्रों की मानें तो नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़ा, नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में भ्रष्टाचार, फर्जी डिग्रियां देने और 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनपीएस का पैसा 2018 से काटने के बावजूद उसे डॉक्टरों और कर्मचारियों के खातों में जमा न कराने का मुद्दा भी उठाया जाएगा।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कोरोना से हुई मौतों का मामला भी विपक्ष उठाएगा। कोरोना के दौरान इंजेक्शन खरीदी से लेकर ऑक्सीजन की कमी और हेल्थ सिस्टम की नाकामियों के मामले और खरीदी में गड़बड़ी का मामला गूंजेगा।
भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत दूसरे अस्पतालों में आगजनी की घटनाओं के कारण हुई मौतों का हवाला देते हुए फायर सेफ्टी में हुई धांधली का मामला भी कांग्रेस उठाएगी।
आयुष्मान भारत योजना में इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में किए गए भ्रष्टाचार का मामला भी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल किया गया है।
आरोप पत्र में ये मुद्दे भी उठाएंगे
- जहरीली शराब से होने वाली मौतें
- मप्र में एथेनॉल के उत्पादन को मंजूरी शराब बनाने में उपयोग निगरानी सिस्टम नहीं
- भिंड के गोहद तहसील में कोटवारों की फर्जी नियुक्ति
- भिंड में ओला पीड़ितों को राहत राशि बांटने में फर्जीवाड़ा, आश्वासन के बाद भी एक्शन नहीं
- अवैध रेत उत्खनन और रेत माफिया का आतंक
- खाद की किल्लत से किसानों की परेशानी
- स्कूली बच्चों की ड्रेस खरीदी में भ्रष्टाचार
- स्कूलों की दुर्दशा
- भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी
- विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना
- सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों पर भर्ती न करना
- प्रोफेसर्स की भर्ती में गड़बड़ी
- विश्वविद्यालयों की गिरती साख
- हिन्दी ग्रंथ अकादमी में संचालक के पद पर असंवैधानिक नियुक्ति
- प्रदेश के कॉलेजों, यूनिवर्सिटी में 4 साल से छात्र संघ चुनाव न होना।
- सहकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच
- प्रदेश की बिजली दूसरे राज्यों को बेचना
- मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में राज्य सरकार का अंशदान कम करके छोटे किसानों पर भार बढ़ाना
- राशन की दुकानों से गरीबों को जानवरों से भी घटिया किस्म का चावल बांटा गया
- पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश न देना
- महिला थानों में फीमेल टॉयलेट नहीं
- 280 अफसरों के खिलाफ जांच पेंडिंग, अभियोजन की मंजूरी नहीं
- आवारा जानवरों की समस्या के कारण खेती का रकबा घटा
- पीएम आवास योजना में 1 करोड़ 84 लाख का फर्जीवाड़ा
- विवाह सहायता योजना में करोड़ों की गड़बड़ी
विपक्ष का प्लान बी भी तैयार
सूत्रों
की मानें तो सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने भी तैयारी कर रखी है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं कराई गई, तो नेता प्रतिपक्ष ऐसे मुद्दों
पर सरकार को घेरेंगे, जिनमें घोटालों के पुख्ता प्रमाण विपक्ष ने एकत्रित
कर रखे हैं। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने करीब 13 विधायकों
को सदन में सरकार को घेरने के लिए जिम्मेदारी दी है। इनमें ज्यादातर विधायक
हैं। पूर्व मंत्रियों में जीतू पटवारी और पीसी शर्मा आक्रामक रहेंगे।
2011 में सबसे लंबे समय तक हुई थी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
विधानसभा
के गठन से लेकर 27 बार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं। इनमें
सबसे लंबे समय तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा साल 2011 में तत्कालीन नेता
प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया के अविश्वास पर हुई थी। 28 नवंबर 2011 से
लेकर 29 नवंबर 2011 तक 4 दिनों तक 25 घंटे 24 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर
चर्चा हुई थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान के 18 साल के मुख्यमंत्रित्व
कार्यकाल में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।
2011 में कांग्रेस के नेता ने बदल दिया था ऐनवक्त पर पाला
वर्ष
2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भाजपा सरकार के खिलाफ
अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जब उस पर चर्चा चल रही थी, तभी उप नेता
प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह ने असहमति जताई थी। इससे 47 विधायकों ने 25
घंटे 30 मिनट तक चर्चा में भाग लिया। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया
था। एक दिसंबर 2011 का वह दिन था, उस दिन के बाद से चौधरी राकेश सिंह
चतुर्वेदी और अजय सिंह के बीच संबंध सामान्य होना तो दूर बोलचाल तक बंद हो
गई थी।