भोपाल। प्रतिनिधिमंडल ने सर्वप्रथम महाराज जी के मुखारविंद से शिवमहापुराण का व मनोहारी कथा का श्रवण किया, सभी आरती में शामिल हुए, व्यासपीठ का पूजन किया और तत्पश्चात् महाराज जी के दर्शन कर उनसे भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने महाराज जी को बताया कि वह सभी कमलनाथ के निर्देश पर, उनके प्रतिनिधि बनकर आपसे भेंट करने आए हैं। बीते 28 फरवरी के घटनाक्रम से कमलनाथ जी काफी आहत हुए है।
जिस प्रकार से महाराज जी ने व्यासपीठ से आंखों में आंसू लिये हुए दबाव के कारण कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा की, निश्चित तौर पर उससे देश भर के लाखों श्रद्धालु दुखी हुए है और प्रशासन के इस ग़ैरज़िम्मेदाराना कदम से श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। इससे प्रदेश देश भर में शर्मशार हुआ है। इस कथा का आयोजन प्रदेश व सिहोर की पावन धरा के लिये एक अनुपम सौग़ात के रूप में है।
जब कई दिनों पूर्व ही इस कार्यक्रम की जानकारी व सूचना प्रशासन को दे दी गयी थी तो उन्होंने श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए व्यवस्था को लेकर आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए? मध्य प्रदेश के इतिहास में किसी भी धार्मिक आयोजन को इस तरह दबाव डालकर स्थगित कराने की घटना पहली बार हुई है। यह सनातन धर्म के भी खिलाफ है और इससे धार्मिक भावनाएं भी आहत हुई है, इसके दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल ने महाराज जी को कहा कि कांग्रेस व कमलनाथ जी का पूरा समर्थन इस कार्यक्रम के साथ है। यह कार्यक्रम अपनी घोषणा अनुसार निर्विघ्न संपन्न होना चाहिये।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, मनोज चावला शामिल थे।