सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (महानगरीय क्षेत्र) के विकास के लिए जिला प्रशासन ने दो योजनाएँ तैयार की हैं। पहले विकल्प में इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले का कुल 6631 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल है, जबकि दूसरे विकल्प में यह क्षेत्र 7863 वर्ग किमी है। दोनों योजनाओं में इंदौर जिले का हिस्सा सबसे बड़ा है।

औसत के अनुसार, इंदौर का लगभग 3450 वर्ग किमी, धार का 1500 वर्ग किमी, देवास का 1050 वर्ग किमी और उज्जैन का करीब 800 वर्ग किमी क्षेत्र इस परियोजना में शामिल किया गया है। महानगरीय क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य इंदौर और उसके आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों का सुनियोजित विकास करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस प्रजेंटेशन को देख लिया है, और जल्द ही इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन का खाका नोटिफाई होने की उम्मीद है।

योजनाओं का विवरण:

  1. पहला प्लान:
    • क्षेत्रफल: 6631 वर्ग किमी
    • शामिल जिले: 4 (इंदौर, उज्जैन, देवास, धार)
    • तहसीलें: 19
    • गांव: 1150
    • नगरीय क्षेत्र: 32
  2. दूसरा प्लान:
    • क्षेत्रफल: 7863 वर्ग किमी
    • शामिल जिले: 4
    • तहसीलें: 21
    • गांव: 1371
    • नगरीय क्षेत्र: 34

मांग और अध्ययन:

इंदौर उत्थान समिति, सीईपीआरडी, अभ्यास मंडल, और अन्य औद्योगिक संगठनों ने इस परियोजना की मांग उठाई थी। यूरोपियन यूनियन की टीम ने भी 2021 में इसकी आवश्यकता को रेखांकित किया था। इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन के लिए स्टडी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है, और अन्य शहरों की रिपोर्ट भी मंगवाई गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन्हें जल्द फाइनल किया जाएगा।

इस प्रस्ताव के जरिए इंदौर और आसपास के क्षेत्रों का विकास तेजी से हो सकेगा, जिससे नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।