सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अमेरिका जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अपनी डिजिटल प्राइवेसी का खास ध्यान रखना होगा। अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) अधिकारियों को अब बिना वारंट के यात्रियों के फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तलाशी लेने का अधिकार मिला है। यह नया नियम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उन्नत जांच नीतियों (Enhanced Vetting Policy) के तहत लागू किया गया है।
इस नीति के अनुसार, CBP अधिकारी सीमा पार करते समय यात्रियों के उपकरणों की गहन जांच कर सकते हैं, जिसमें सोशल मीडिया अकाउंट, चैट्स, निजी तस्वीरें और अन्य संवेदनशील जानकारियां शामिल हैं। कई मामलों में, डिजिटल सामग्री के आधार पर यात्रियों को हिरासत में लिया गया या उन्हें निर्वासित किया गया है। इस वजह से अमेरिका जाने वाले यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी डिवाइसेज से निजी और संवेदनशील जानकारी पहले ही हटा लें ताकि सीमा पार करते समय किसी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
इस नए नियम का असर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निजता पर गंभीर सवाल उठाता है। कई लोगों को यह भी चिंता है कि बिना वारंट के इस तरह की तलाशी उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन कर सकती है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। हालांकि, इस नीति की व्यापक आलोचना भी हो रही है, खासकर उन मामलों में जहां राजनीतिक कारणों या व्यक्तिगत मतभेदों के आधार पर लोगों को परेशान किया गया।
इस नीति के तहत एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक को अमेरिका में दाखिल होने से रोक दिया गया था, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की थी। इसलिए अमेरिका यात्रा करने से पहले डिजिटल डिवाइस की सफाई करना बेहद जरूरी हो गया है। यात्रियों को अपनी निजी तस्वीरें, संवेदनशील दस्तावेज और सोशल मीडिया से जुड़े विवरण हटाने की सलाह दी जा रही है ताकि सीमा पार करने में कोई दिक्कत न हो।
संक्षेप में, अमेरिका जाने वाले सभी यात्रियों को अपनी डिजिटल प्राइवेसी का खास ध्यान रखना चाहिए और जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि वे बिना किसी परेशानी के अमेरिका में प्रवेश कर सकें।
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