सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत में 2024 के लोकसभा चुनावों की गिनती जारी है। बीजेपी की अगुआई वाले NDA गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक सीटें मिलती नहीं दिख रहीं।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नतीजों को न सिर्फ देश के लोग बल्कि पूरी दुनिया टकटकी लगाकर देख रही है। अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर ब्रिटेन का BBC लाइव कवरेज कर रहा है। शुरुआती नतीजों को वर्ल्ड मीडिया अपने नजरिये से परख रहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने नतीजों को प्रधानमंत्री मोदी के 10 साल के कार्यकाल पर रेफरेंडम बताया है। टाइम्स के मुताबिक, ‘काफी हद तक नरेंद्र मोदी को तीसरा टर्म मिलेगा। भारत में नए बने विपक्षी गठबंधन ने मोदी की बंटवारे की राजनीति के खिलाफ वोट मांगा था। विपक्ष ने लोगों के मन में ये डर भरा था कि अगर BJP सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी।’
बांग्लादेशी अखबारों ने लिखा- ममता बनर्जी ने फिर से दी मोदी को मात
द डेली स्टार ने लिखा- ऐसा लगता है कि इस बार ‘कमजोर’ BJP की सरकार बनेगी। भारतीय शेयर बाजार को पीएम मोदी की भारी जीत की उम्मीद थी लेकिन शुरुआती परिणामों ने उसे डरा दिया है। यही वजह है कि शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
इसके साथ ही बांग्लादेशी अखबार ने सीएम ममता बनर्जी की तारीफों के पुल भी बांधे हैं। अखबार लिखता है कि एक्जिट पोल्स में तृणमूल कांग्रेस को काफी कम सीटें दिखाई गई थीं लेकिन असल परिणाम कुछ और बता रहे हैं। ममता बनर्जी ने बीजेपी को एक बार फिर से मात दी है।
ब्रिटिश न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा- मोदी आगे, बाजार पीछे
रॉयटर्स ने लिखा है कि शुरुआती रुझानों में PM मोदी की पार्टी और उनका गठबंधन आगे दिखाई दे रहे हैं उम्मीद के उलट नतीजों की वजह से बाजार परेशान होकर लगातार गिरता जा रहा है।
अमेरिका का वॉल स्ट्रीट जर्नल-
भारत के नरेंद्र मोदी बहुमत हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं। शुरुआती रुझानों में उन्हें उम्मीद मुताबिक नतीजे नहीं मिल रहे। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि मोदी और उनकी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी तो विपक्ष ने कड़ा झटका दिया है।
फ्रांस 24 ने लिखा-
भारत के चुनाव में विपक्ष उम्मीद से कड़ी टक्कर दे रहा है। 10 साल की सत्ता में नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति के परिदृश्य को ही बदल दिया था। उनकी पॉपुलेरिटी ने उनकी पार्टी को पीछे छोड़ दिया। मोदी ने संसदीय चुनाव को राष्ट्रपति चुनाव जैसा बना दिया। नतीजा ये रहा कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए मोदी ब्रांड पर निर्भर रहती है।