सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यू भोपाल: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से 16 दिन पहले चुनाव आयोग ने DGP रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर कर दिया है। चुनाव आयोग ने सोमवार सुबह चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि रश्मि शुक्ला को उनके पद से हटाकर अगले सबसे सीनियर IPS अधिकारी को DGP का प्रभार सौंपा जाए। इसके साथ ही नए DGP की नियुक्ति के लिए तीन IPS अधिकारियों का पैनल 5 नवंबर दोपहर 1 बजे तक भेजने को कहा गया है।

विपक्ष का आरोप: भाजपा के लिए काम कर रहीं रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने रश्मि शुक्ला पर पक्षपात के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रश्मि निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दे रही हैं। शिवसेना (शिंदे) के नेता संजय राउत ने कहा, “DGP रश्मि शुक्ला पर गंभीर आरोप हैं। वे भाजपा के लिए काम कर रही हैं। 2019 में हमारी सरकार के दौरान उन्होंने हमारे फोन टैप कराए और जानकारी फडणवीस को दी जाती थी।”

कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी आरोप लगाया कि रश्मि विपक्षी दलों के खिलाफ भेदभाव करती हैं और कानून व्यवस्था खराब हुई है। उन्होंने राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख रहते हुए फोन टैपिंग कराने के आरोपों का भी जिक्र किया।

रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर: राजनीतिक प्रतिक्रिया रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर पर एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने सही फैसला किया है और यह चुनावी निष्पक्षता के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

महाराष्ट्र की पहली महिला DGP 1988 बैच की IPS ऑफिसर रश्मि शुक्ला के नाम महाराष्ट्र की पहली महिला DGP बनने का रिकॉर्ड है। उन्होंने सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक और राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख के रूप में भी सेवाएं दी हैं।

झारखंड में भी DGP का ट्रांसफर महाराष्ट्र के साथ-साथ झारखंड में भी आचार संहिता लागू है। 19 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता का ट्रांसफर कर दिया था, जिसमें उनके पद का प्रभार सबसे सीनियर अधिकारी को दिया गया था।

महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण में इस ट्रांसफर का क्या असर पड़ेगा, यह आने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा।