सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : चितकारा यूनिवर्सिटी ने सफलतापूर्वक आयोजित किया ANVESHAN 2024-25, नवाचार और वैश्विक सहयोग का मंच
पंजाब स्थित चितकारा यूनिवर्सिटी ने 10-11 मार्च 2025 को बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय छात्र सम्मेलन ANVESHAN 2024-25 का भव्य आयोजन किया। इस आयोजन में पूरे भारत से होनहार प्रतिभाओं ने भाग लिया, जहाँ युवा नवाचारकों को अपने प्रोजेक्ट प्रदर्शित करने और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला।
सम्मेलन का उद्घाटन और मुख्य अतिथि
इस सम्मेलन का शुभारंभ एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (AIU), नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार पाठक और चितकारा यूनिवर्सिटी, पंजाब की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा ने किया। दोनों गणमान्य अतिथियों ने शिक्षा और अनुसंधान में नवाचार और अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन भविष्य की शिक्षा और शोध को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होंगे।
ANVESHAN 2024-25: नवाचार और प्रतिस्पर्धा का संगम
इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत के चारों क्षेत्रों – दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और उत्तर से 250 से अधिक छात्र नवाचारियों और मेंटर्स ने भाग लिया।
ज़ोनल ANVESHAN राउंड्स से चुने गए 72 प्रोजेक्ट्स को इस सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया।
इन प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन AIIMS बठिंडा, PGIMER चंडीगढ़, CSIO (चंडीगढ़) और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के 18 विशेषज्ञ निर्णायकों द्वारा किया गया।
छात्रों को अपने शोध, रचनात्मक समाधानों और नवीन विचारों को प्रस्तुत करने का मंच मिला।
सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और विजेताओं का सम्मान
सम्मेलन के दूसरे दिन, AIU, नई दिल्ली की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने डॉ. मधु चितकारा के साथ मिलकर विजेताओं को स्मृति चिह्न और नकद पुरस्कार प्रदान कर उनकी उपलब्धियों को सम्मानित किया।
इस बार का आयोजन वैश्विक समावेशिता के लिए भी उल्लेखनीय रहा, जहाँ फ्रांस सहित कई देशों के सात अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने भी अपने नवीन प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। फ्रांस के एक प्रोजेक्ट ने शीर्ष सम्मान प्राप्त किया, जिससे यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय नवाचार और सहयोग का प्रतीक बन गया।
सम्मेलन की सफलता पर डॉ. मधु चितकारा की प्रतिक्रिया
अपने समापन भाषण में डॉ. मधु चितकारा ने ANVESHAN 2024-25 की सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा:
“यह आयोजन एक बार फिर विचारों के संगम का केंद्र साबित हुआ, जिसने नवाचार के माध्यम से भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाओं को जोड़ा। हम गर्व महसूस करते हैं कि हमने एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहाँ युवा प्रतिभाएँ चुनौतियों को अवसरों में बदल रही हैं। हम भविष्य में भी रचनात्मकता, अनुसंधान और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देने के अपने संकल्प को जारी रखेंगे।”
ANVESHAN 2024-25 ने यह सिद्ध कर दिया कि नवाचार और वैश्विक सहयोग उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और चितकारा यूनिवर्सिटी इस दिशा में एक अग्रणी भूमिका निभा रही है।
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