बीजिंग । लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक आंखें दिखा रहे चीनी ड्रैगन से निपटने के लिए भारत ने सीमा पर अपनी सबसे घातक ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की है। भारत की इस तैनाती से ड्रैगन बौखला गया है। चीन के ने अपने सरकारी अखबार में चेतावनी दी है कि इससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में बाधा पैदा होगी और तनाव बढे़गा।
चीन ब्रह्मोस की तैनाती से बौखलाया गया है, वहीं उसने भारत के इस ब्रह्मास्त्र को ‘बेकार’ करार दिया है। चीन ने कहा कि भारत की इस मिसाइल का केवल सैद्धांतिक फायदा है, जबकि चीन की सुरक्षा के लिए इससे कोई वास्तविक खतरा नहीं है। चीनी सेना के एक विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग ने कहा कि इसी वजह से चीन-भारत सीमा पर लगातार तनाव बढ़ रहा है और अवांछित सैन्य विवाद पैदा हो रहे हैं। चीनी विशेषज्ञ यह दावा तब कर रहे हैं, जब खुद चीनी सेना लगातार भारतीय सीमा पर अभ्यास कर रही है और बड़ी तादाद में लंबी दूरी मार करने वाले हथियारों को तैनात कर रही है।
चीन ने भारतीय सीमा पर अपने कई किलर मिसाइलों को भी तैनात किया है। चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग ने दावा किया कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल से चीन की सीमा सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। पीएलए लगातार अपनी एयर डिफेंस क्षमता को बढ़ा रही है, ताकि ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को मार गिराया जा सके। उसने यह भी दावा किया कि संघर्ष शुरू होने पर चीन पहले ही हमला करके ब्रह्मोस के मिसाइल साइलो और अन्य सैन्य केंद्रों को तबाह कर देगा।
वहीं चीन के एक अन्य विशेषज्ञ किआन फेंग ने कहा कि भारत की ओर से ब्रह्मोस की तैनाती यह बताती है कि भारत पूरे मामले में सख्त रुख अपना रहा है। यह उससे उलट है, जिसके तहत दोनों पक्ष बातचीत करके शांतिपूर्ण तरीके से सीमा विवाद को सुलझाने पर जोर दे रहे हैं। इससे पहले भारतीय सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने स्वीकार किया था कि चीन अब भारत का सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा बन गया है। जनरल रावत के इस बयान पर भी चीन के सरकारी भोंपू को मिर्ची लगी है।