सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: चीन ने बीते 8 सालों में भूटान बॉर्डर के नजदीक 22 गांव बसाए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने सैटेलाइट तस्वीर की मदद से एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। इसके मुताबिक 8 गांव ऐसे हैं, जो भूटान के पश्चिमी हिस्से में डोकलाम की सीमा के पास हैं। इन्हें साल 2020 के बाद बसाया गया है।
ये गांव ऐसी घाटी पर बसे हैं, जिन पर चीन हमेशा अपना दावा करता रहा है। इन गांवों के आस-पास ही चीन के मिलिट्री पोस्ट हैं। बसाए गए 22 गांवों में से सबसे बड़ा गांव जीवू है। यह पारंपरिक भूटानी चारागाह त्सेथांखखा पर स्थित है। भारत सरकार ने इस मामले में अब तक कोई बयान नहीं दिया है।
भूटान ने चीन की गतिविधि से किया इनकार
जानकारों के मुताबिक इन इलाकों में चीन की गतिविधियां बढ़ने से भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाली सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास भारत-तिब्बत-भूटान ट्राई-जंक्शन है। 60 किमी लंबा और 22 किमी चौड़ा यह कॉरिडोर नॉर्थ-ईस्ट के 7 राज्यों को भारत के साथ जोड़ता है।
रिसर्चर रॉबर्ट बार्नेट ने कहा कि चीन ने साल 2016 में पहली बार भूटान का हिस्सा कहे जाने वाले हिस्से में एक गांव बनाया था। उसके बाद से 8 सालों में अब तक 22 गांव बसाए गए हैं जिनमें 2,284 घर हैं। इन घरों में लगभग 7 हजार लोग रहते हैं।
रिपोर्ट में फोर्सफुल डिप्लोमेसी: चाइना क्रॉस बॉर्डर विलेजेज इन भूटान किताब के हवाले से बताया गया है कि चीन ने लगभग 825 वर्ग किलोमीटर इलाके पर (जो पहले भूटान का हिस्सा था) कब्जा कर लिया है। यह भूटान की कुल जमीन का 2% से ज्यादा है।
चीन ने इन गांवों में कई अधिकारियों, मजदूरों, बॉर्डर पुलिस और सैन्य कर्मियों को भी भेजा है। ये सभी गांव चीन की शहरों से सड़क के माध्यम से जुड़े हुए हैं। हालांकि भूटान के अधिकारी उनके इलाके में चीनी बस्तियां बनाए जाने से साफ इनकार कर रहे हैं।
साल 2017 से चल रहा डोकलाम बॉर्डर पर विवाद
भूटान की 600 किमी सीमा चीन से लगती है। दो इलाकों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। पहला- 269 वर्ग किमी क्षेत्रफल का डोकलाम इलाका और दूसरा- उत्तर भूटान में 495 वर्ग किमी का जकारलुंग और पासमलुंग घाटी का क्षेत्र।
सबसे गंभीर मामला डोकलाम का है, जहां चीन, भारत और भूटान तीनों देशों की सीमाएं लगती है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच साल 2017 में लद्दाख के पास डोकलाम में हुए विवाद पर गतिरोध 73 दिनों तक चला था। उस दौरान भारत ने चीन की ओर से सड़क निर्माण का विरोध किया था। जिसके बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटीं। बीते कुछ सालों से चीन फिर डोकलाम के पास अपनी गतिविधि बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
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