भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में ध्वजारोहण कर सभी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। सीएम ने यहां परेड़ की सलामी ली और इसके पहले शौय स्मारक में अमर शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुबह अपने निवास पर भी तिरंगा फहराया और सुरक्षा में पदस्थ सुरक्षाबलों को पुरस्कृत किया। श्री चौहान ने मध्य प्रदेश की जनता के नाम अपने संदेश में कहा, स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आज भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत के गौरवशाली इतिहास, वैभवशाली वर्तमान और शक्तिशाली भविष्य के निर्माण का उत्सव है। भारत की आजादी का यह 75वां वर्ष लोकतंत्र के महोत्सव का वर्ष है, अमर शहीदों के प्रति कृतज्ञता का वर्ष है। देश के लिए कुछ कर गुजरने का वर्ष है, भारत की एकता और अखंडता के प्रति समर्पण का वर्ष है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प की सिद्धि का वर्ष है। सीएम ने कहा, हम सब मिलकर आजादी का यह अमृत महोत्सव पूरे उत्साह, उल्लास के साथ मनायेंगे। राज्य सरकार वर्ष भर जन-जन को देशभक्ति, देशप्रेम और देशसेवा के भावों से भरने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, मध्य प्रदेश की धरती से जुड़े चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, रामप्रसाद बिस्मिल, टंट्या भील, भीमा नायक, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, सआदत खां, रानी अवंतीबाई, कुंवर चैनसिंह, हिरदे शाह, राणा बख्तावर सिंह, ठाकुर रणमत सिंह और खाज्या नायक जैसे अनेक सेनानियों ने हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर कर दिए। प्रदेश की माटी के ऐसे सभी शहीदों के जन्म स्थल, कर्म स्थल एवं बलिदान स्थलों पर आजादी का अमृत महोत्सव धूम-धाम से मनाया जाएगा। राष्ट्र निर्माण के जिन सपनों के साथ अमर शहीदों ने अपना सब कुछ देश के लिए न्योछाबर कर दिया, उन्हीं सपनों को साकार करने की दिशा में हमें कदम बढ़ाना है।
– कोविड प्रबंधन के लिए 5 स्तंभ
श्री चौहान ने कहा, पिछले साल जब सारे विश्व को कोरोना संक्रमण ने अपनी चपेट में लिया, तब सरकार के अथक प्रयासों और जनता के सहयोग से कोरोना की पहली लहर से जंग जीती। पहली लहर के बाद लगा कि कोरोना समाप्त हो गया है, लेकिन कोरोना इस वर्ष फिर परिवर्तित स्वरुप में आया। कोविड प्रबंधन के लिए हमारी रणनीति के 5 स्तंभ हैं। आईडेन्टिफिकेशन, टेस्टिंग, आईसोलेशन, ट्रीटमेंट एवं वैक्सीनेशन। सुनियोजित रणनीति, त्वरित निर्णय और साझे प्रयासों के चलते मध्य प्रदेश, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने में भी सफल रहा।
-3 करोड़ 75 लाख लोगों को लगी जीवन रक्षक वैक्सीन
कोविड संक्रमण से बचाव का एक प्रमुख उपाय है टीकाकरण। मध्य प्रदेश में टीकाकरण को एक जन-उत्सव का रूप दिया गया है। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी फैसले के फलस्वरूप देश के 130 करोड़ नागरिकों को निःशुल्क वैक्सीन की सौगात मिली है। मध्य प्रदेश वैक्सीनेशन महाअभियान में 21 जून, 2021 को मध्य प्रदेश में रिकार्ड 16 लाख 95 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया। ये सरकार के प्रयासों और जनता के सहयोग का ही परिणाम है कि अब तक वैक्सीन के 3 करोड़ 75 लाख जीवन-रक्षक डोज लगाए जा चुके हैं। दिनांक 25 एवं 26 अगस्त, 2021 को कोविड वैक्सीनेशन का महा-अभियान चलाया जाएगा। टीका, कोविड का सबसे असरदार सुरक्षा कवच है। अत: इस महा-अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और टीकाकरण अवश्य कराएं।
– मध्य प्रदेश के आपदा प्रबंधन माडल की देश में सराहना
सीएम ने कहा कि कोरोना जैसी आपदाओं से जंग केवल सरकार के बलबूते पर नहीं जीती जा सकती। राज्य सरकार ने जन-सहभागिता के साथ निर्णय की पद्धति को मूल मंत्र बनाकर हर स्तर पर समाज को कोविड संबंधी निर्णयों में भागीदार बनाया। आपदा प्रबंधन माडल को पूरे देश में सराहना मिली है। प्रदेश के सभी हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, सामाजिक संस्थाएं, क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स, स्वयंसेवक और जन-प्रतिनिधि हृदय से बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने अपने प्राणों की भी परवाह न करते हुए कोरोना के कठिन समय में प्रदेश के नागरिकों की दिन-रात निःस्वार्थ भाव से सेवा की है।
सीएम कोविड सेवा योजना से 780 बच्चों को लाभांवित किया
मुख्यमंत्री कोविड-19 उपचार योजना के माध्यम से 12 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड धारियों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना प्रारंभ कर अब तक 780 बालक-बालिकाओं को लाभांवित किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना की संभावित तीसरी लहर से सुरक्षा हेतु एक सुनियोजित रणनीति बनाई गई हैं। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना, आक्सीजन प्रबंधन, दवा, इंजेक्शन और उपकरणों की उपलब्धता, मानव संसाधन का प्रबंधन तथा प्रशिक्षण एवं ट्रीटमेंट प्रोटोकाल पर विशेष फोकस किया गया है। प्रतिदिन अधिक से अधिक कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं और संभावित संक्रमितों को आइसोलेट करने एवं गंभीर मरीजों के उपचार की व्यवस्था की गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि समाज के सहयोग से पूर्व की भांति भविष्य में भी सरकार कोरोना आपदा से निपटने में सफल होगी। प्रत्येक जरूरतमंद को समय पर उपचार मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयुष्मान भारत ‘निरामयम’ मध्य प्रदेश योजना में हमने प्रत्येक पात्र परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक की राशि के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई है। अब तक 2.50 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं।
– सिंचाई क्षमता को 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए योग से निरोग कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इसके माध्यम से प्रदेश के लगभग 3 हजार योग प्रशिक्षकों द्वारा 1 लाख 15 हजार से अधिक मरीजों को योग, आसन एवं प्राणायाम आदि का अभ्यास कराया गया। कोविड की दो लहरों के आने से लोगों के रोजगार, रोजी-रोटी पर संकट आया और उद्योग-धंधों पर असर पड़ा। कोरोना के प्रकोप के चलते राज्य की अर्थ-व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों व कमजोर वर्गों की सहायता में कमी नहीं आने दी गई। एक ओर विकास कार्यों के लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई है, वहीं दूसरी ओर किसानों, मजदूरों, गरीबों, निराश्रितों, दिव्यांगों, कमज़ोर वर्गों, महिलाओं, वृद्धजनों, कल्याणी बहनों आदि को विभिन्न योजनाओं में सहायता उपलब्ध कराई गई। यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप के चार स्तंभों-भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के लिए निर्धारित आउटकम्स एवं आउटपुट्स की नियमित मानिटरिंग हो रही है। प्रदेश में वर्ष 2024-25 तक सिंचाई क्षमता को 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य है। नर्मदा घाटी विकास परियोजनाओं के माध्यम से वर्ष 2020-21 में 5.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई।
– घरेलू बिजली पर दी जा रही 21 हजार करोड़ की सब्सिडी
केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का समझौता ज्ञापन इसी वर्ष माननीय प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से मध्य प्रदेश को 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई, 41 लाख आबादी को पेयजल तथा 103 मेगावाट की विद्युत सुविधा प्राप्त हो सकेगी। विद्युत के क्षेत्र में निरन्तर आत्म-निर्भर बने रहने के लिए विद्युत उपलब्धता में इस साल 2 हजार 200 मेगावाट की वृद्धि की योजना है। खेती और घरेलू उपयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा बिजली पर लगभग 21 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही है ताकि हर गरीब को सस्ती दरों पर बिजली मिल सके।
– ऊर्जा साक्षरता अभियान होगा शुरू
सीएम ने कहा, स्तंत्रता दिवस पर हम सबके लिए आत्मावलोकन का अवसर है कि हम भावी पीढ़ी के लिए किस प्रकार की विरासत छोड़कर जाएंगे? ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों का अधिक उपयोग, दैनिक जीवन में ऊर्जा की बचत की आदत, अधिक से अधिक पेड़ लगाना और उनका संरक्षण करना, ये सब हमारे जीवन का हिस्सा बनना आवश्यक है। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ऊर्जा साक्षरता अभियान प्रारंभ कर रही है। विश्व में अपने किस्म के इस अनूठे अभियान में स्कूलों-कालेजों के विद्यार्थियों को सौर ऊर्जा और ऊर्जा की बचत के विषय में जानकारी दी जाएगी।
– 2 हजार किमी लंबी सड़कों का निर्माण और उन्नयन किया जाएगा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत हमने वर्ष 2023 तक प्रदेश के कुल 1 करोड़ 22 लाख ग्रामीण परिवारों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रदेश में इस वर्ष 2 हजार किमी लंबाई की सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन, ढाई हजार किमी सड़कों का नवीनीकरण और 80 बड़े पुल एवं रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों पर 5 हजार 530 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में वर्ष 2021-22 में प्रथम किश्त के रूप में 75 लाख किसानों को लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए की राशि का वितरण किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लगभग 81 लाख किसानों को अब तक लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की राशि का वितरण किया जा चुका है।
सीएम ने कहा, माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। ये ऐतिहासिक निर्णय देश में सहकारिता क्षेत्र को निश्चित ही नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। प्रदेश में सहकारिता को जन-आन्दोलन बनाना हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में कृषि, पशुपालन, पशु आहार, डेयरी, खनिज, श्रम, उद्योग, पर्यटन, प्र-संस्करण, लघु वनोपज, स्वास्थ्य, ग्रामीण परिवहन, सर्विस सेक्टर आदि क्षेत्रों में सहकारिता की अपार संभावनाओं का दोहन किया जाएगा। स्वामित्व योजना में प्रदेश के 30 जिलों में आबादी सर्वे का कार्य प्रचलित है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिस भूमि पर मकान बने हैं, उस पर स्वामित्व संबंधित लोगों को दिया जा रहा है। एक हजार 826 गांवों के करीब पौने तीन लाख से ज्यादा हितग्राहियों के अधिकार अभिलेख तैयार हो गए हैं।
इस साल 17.94 लाख किसानों से लगभग 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं, चना एवं मसूर का उपार्जन कर लगभग 26 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया है। धान उत्पादक लगभग 6 लाख किसानों से 37 लाख 26 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन कर 7 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। किसानों के हितों की चिंता करते हुए सरकार द्वारा ग्रीष्षकालीन मूंग और उड़द की खरीदी का निर्णय लेकर 84 हजार से अधिक कृषकों से अब तक 1 लाख 52 हजार मीट्रिक टन मूँग एवं उड़द की 1 हजार 71 करोड़ रुपए की खरीदी की जा चुकी है। सामान्य फसलों के अतिरिक्त फलों, सब्जियों, मसालों, फूल तथा औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती में भी मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में लगभग 22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों की खेती की जा रही है, जिसका कुल उत्पादन 317 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक है।
मध्य प्रदेश के उपलब्ध जल-क्षेत्र के 99.35 प्रतिशत क्षेत्र में मछली पालन किया जा रहा है। मछुआरों की आय दोगुनी करने की प्रधानमंत्री मत्स्य-संपदा योजना का लाभ मत्स्य-पालकों को दिया जा रहा है। तीन सालों में मछली उत्पादन का लक्ष्य 3 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने का है।