सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 8 दिन बाद चीन के चीन के स्टेट मीडिया शिनहुआ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ली कियांग ने PM मोदी को बधाई दी है। मंगलवार को चीनी PM ने कहा, “चीन-भारत संबंधों का मजबूत और स्थिर विकास न केवल देशों की भलाई के लिए जरूरी है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र और दुनिया में स्थिरता लाने का भी काम करता है।”

ली कियांग ने आगे कहा, “चीन भारत के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को सही दिशा में ले जाने के लिए तैयार है। यह दोनों देशों के नागरिकों के लिए भी सही फैसला होगा।” इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने भी PM नरेंद्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी थी।

तिब्बत की 30 जगहों के नाम बदलेगा भारत

चीन का यह बयान तब आया है, जब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नई सरकार बनने के बाद भारत जल्द ही तिब्बत की 30 जगहों के नाम बदलने वाला है। भारतीय सेना जल्द ही नए नामों के साथ LAC का नया मैप भी जारी करेगी।

तिब्बत की जगहों के नाम काफी रिसर्च के बाद भारत के पुराने नामों के आधार पर रखे गए हैं। दरअसल, चीन कई बार अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर वहां की जगहों के नाम बदलता रहता है। इसी मामले में चीन को जवाब देने के लिए भारत ने यह फैसला किया है।

PM मोदी के बयान पर चीन ने कहा था- ताइवान से दूर रहे भारत

इससे पहले 6 जून को चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते के मोदी को बधाई देने और उस पर PM के जवाब पर आपत्ति जताई थी।। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है। ताइवान चीन का ही एक हिस्सा है। चीन ताइवान को अलग देश मानकर उससे रिश्ते रखने वाले देशों का विरोध करता है।

उन्होंने कहा था कि दुनिया एक चीन के सिद्धांत को मानती है। इसी आधार पर वह दुनियाभर देशों के साथ संबंध बनाता है। भारत भी उन देशों में है जो वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करता है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी को ताइवान के राष्ट्रपति की बधाई का विरोध करना चाहिए।

दरअसल, ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने 5 जून को PM मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत पर बधाई दी थी। इस पर मोदी ने अपने जवाब में लिखा था, ‘भारत ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए तैयार है।’ मोदी के इस कमेंट से चीन भड़क गया था। चीन ने भारत को चेतावनी दी थी कि वह ताइवान से दूर रहे।