सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: चीन की एक नई परमाणु पनडुब्बी, जो कि झाओ-क्लास की श्रेणी में आती है, मई या जून में समुद्र में डूब गई है। यह घटना वुहान के पास वुचांग शिपयार्ड में हुई, जहां से यह पनडुब्बी 10 मार्च को सैटेलाइट इमेज में दिखाई दी थी। लेकिन जब 15 जून को नई तस्वीरें खींची गईं, तब पनडुब्बी वहां से गायब हो गई थी।

इस मामले की जानकारी सबसे पहले टॉम शुगार्ट द्वारा दी गई, जिन्होंने सैटेलाइट इमेज का अध्ययन किया। उन्होंने कहा, “क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि सैन डिएगो में एक अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी डूब जाए और सरकार इसे दबा दे?” इस दावे के बाद वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी इस पर स्टोरी की।

चीन सरकार की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि उनके पास इस मुद्दे पर कोई जानकारी नहीं है।

अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने यह भी चिंता जताई है कि यह घटना PLA की जवाबदेही पर सवाल उठाती है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “चीन का डिफेंस सेक्टर भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।”

चीन की मिलिट्री पावर रिपोर्ट 2023 के अनुसार, चीन के पास 6 न्यूक्लियर फ्यूल बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, 6 न्यूक्लियर पावर अटैक पनडुब्बियां और 48 डीजल अटैक पनडुब्बियां हैं। वहीं, अमेरिका के पास 53 तेज गति से हमला करने वाली पनडुब्बियां, 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां और चार गाइडेड मिसाइल पनडुब्बियां हैं।