लुधियाना । पंजाब में चुनाव प्रचार अंतिम चरण में है। सभी दलों के कद्दावर नेता पंजाब मैं रैलियां कर रहे हैं। चुनाव रैलियों में मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के शगुफे छोड़े जा रहे हैं। एक दूसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा है। बयानबाजी का दौर भी खूब चल रहा है।
इसी बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा दिया गया एक बयान कांग्रेस पार्टी और हाईकमान के लिए गले की फांस बन गया है। विरोधी पार्टियां इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस और चन्नी पर ताने कस रही हैं। बता दें कि पंजाब में प्रवासी लोगों विशेषकर प्रवासी कामगारों की काफी गिनती है। उनका प्रभाव कहीं ना कहीं राजनीति में भी बढ़ा है। एक अनुमान के अनुसार पंजाब में 43 लाख प्रवासी लोग रहते हैं। जिनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा का वोट भी बना हुआ है। दूसरी तरफ देश के जिन चार राज्यों में ज्यादा प्रवासी लोग काम धंधा करते हैं।
उनमें पंजाब भी शामिल है। तीन अन्य राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र हैं। राज्य में 10 लाख के करीब प्रवासी लेबर हैं। जिनमें अकेले औद्योगिक नगर लुधियाना में सात लाख प्रवासी वर्कर काम करते हैं। इनमें से अधिकतर बिहार, यूपी और झारखंड से हैं। वैसे स्थानीय खेत मजदूरों की गिनती भी 15 लाख से कम नहीं है। गत दो दशकों में औद्योगिकरण और शहरीकरण की वजह से प्रवासी लोगों व मजदूरों ने पंजाब की तरफ रुख किया है। दूसरी तरफ यूपी, बिहार से कई उच्च अधिकारी भी यहां पोस्टेड रहते हैं।
बिजनेस में भी कई लोगों ने हाथ अजमाया हुआ है। पंजाब में चुनाव प्रचार अंतिम चरण में है। सभी दलों के कद्दावर नेता पंजाब मैं रैलियां कर रहे हैं। चुनाव रैलियों में मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के शगुफे छोड़े जा रहे हैं। एक दूसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा है। बयानबाजी का दौर भी खूब चल रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा दिया गया एक बयान कांग्रेस पार्टी और हाईकमान के लिए गले की फांस बन गया है। विरोधी पार्टियां इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस और चन्नी पर ताने कस रही हैं।