सम्पादकीय

टूटती संवेदना, बढ़ती हिंसा, गिरते बोल

आपको स्मरण होगा, 2018 का वर्ष जब हम 2 दशकों तक डिजिटल दुनिया में आपके साथ रिश्ते को और प्रगाढ़

केवल बढ़ती अर्थव्यवस्था, देशोन्नति का द्योतक नहीं.

आज समय, बाजार और सिर्फ बाज़ार का आ गया है. एक खाद्य जीवन चक्र होता है, जिसके पिरेमिड शीर्ष पर