इंदौर की द्वारकापुरी कॉलोनी के एक कमरे में बुधवार को साफ्टवेयर इंजीनियर की लाश संदिग्ध हालत में मिली थी। कमरे में रहने वाले युवक ने लाश के बारे में थाने पर सूचना दी थी। पुलिस को आशंका है कि नशे के ओवर डोज में ही उसकी जान गई है। फिलहाल इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। इंजीनियर जिस युवक के कमरे में रुका था, उससे भी पुलिस ने अभी सिर्फ मामले की जानकारी ही ली है। जांच अधिकारी के मुताबिक उससे भी पूरे मामले में पूछताछ की जाएगी। युवक के कमरे से सिगरेट, ब्राउन शुगर की पुड़िया और नशे के इंजेक्शन भी मिले हैं।

एसआई केदार पांडे के मुताबिक सार्थक (26) पुत्र हेमंत जायसवाल निवासी वैशाली नगर की मौत के मामले में उसके परिवार ने शुरुआत बयान में बताया कि मृतक को दो साल से नशे की लत थी। पिता हेमंत ने बताया कि वह उसे दो साल से समझा रहे थे। लेकिन सार्थक चोरी छिपे इसका नशा करता था। उसे नशे की लत कैसे लगी इसके बारे में वह कुछ भी नही बता पाए। गुजरात से इंदौर आने के बाद वह परिवार से अलग-थलग ही रहने लगा था।

ठेकेदारी करते हैं मृतक के पिता
पुलिस के मुताबिक सार्थक के पिता ठेकेदारी करते हैं। वैशाली नगर में हेमंत पत्नी और बेटे सार्थक व बेटी साथ रहते थे। सार्थक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसने इंदौर से ही पढ़ाई की थी। जिसके बाद उसका सिलेक्शन बड़ी साफ्टवेयर कंपनी में हो गया था। लॉक डाउन के बाद वह वर्क फ्रॉम होम ही कर रहा था। कुछ दिनों से वह अपने काम पर भी ध्यान नही दे रहा था।
लिफ्ट ली थी, पुलिस को बातों पर शंका
जांच अधिकारी पांडे के मुताबिक जिस युवक सुभाष लोट के कमरे में सार्थक का शव मिला वह भी गुरू शंकर नगर में किराए के कमरे में रहता है। उसने अपने प्रांरभिक बयान में बताया कि सार्थक ने उससे लिफ्ट मांगी थी। इसके बाद इंदौर में कमरा ढूंढने की बात की। बातों-बातों में दोनों की दोस्ती हुई, तो वह उसे घर लेकर आ गया। पुलिस जब सुभाष के कमरे में पहुंची तो वहां एक ही बिस्तर लगा हुआ था। वहीं नजदीक में इंजेक्शन और बीडी व सिगरेट रखे हुए थे। पुलिस को सार्थक के कपड़ों से एक ब्राउन शुगर की पुड़िया भी मिली है। पुलिस को शंका है कि सुभाष उसे पहले से जानता था। संभवत वह भी नशा करता है। फिलहाल परिवार के बयान अभी नही हुए है। पुलिस ने सुभाष को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।

नशे को लेकर पार्षद ने किया था घेराव
द्वारकापुरी थाने पर इलाके में नशे को लेकर कुछ दिन पहले पार्षद राजेश जैन और आरएसएस के लोग थाने पहुंचे थे। उन्होंने टीआई की गैर मौजूदगी में एसआई अशरफ अली अंसारी को बताया था कि राम मंदिर के यहां कुछ लोग एक युवती के साथ इंजेक्शन और ब्राउन शुगर बेचते है। यहां एक लड़का अपने घर बुलाकर ब्राउन शुगर पिला देता है। मामले में टीआई अलका मेनिया ने बाद में जांच की बात की थी। अन्नपूर्णा पुलिस ने इस मामले में द्वारकापुरी के तीन लोगो को पकड़ा था। यहां बुधनगर, दिग्विजय नगर मल्टी और अहीरखेडी के लोग नशे को लेकर कई बार अफसरों से शिकायत भी कर चुके है।