लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन इस बार बीजेपी की सत्ता में वापसी इतनी आसान नहीं लग रही है राज्य के किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों की वजह से बीजेपी सरकार से नाराज़ दिख रहे हैं किसान पिछले साल नवंबर से आंदोलन पर हैं और कानूनों की वापस लेने पर अड़े हुए हैं शिखर सम्मेलन में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब हम यूपी में महापंचायत करेंगे ये सरकार किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है चुनावों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, ‘’कहीं जाने पर पाबंदी है क्या? भटिंडा में तो कई चुनाव नहीं है हम प्रचार नहीं कर रहे हैं सरकार ही हमारी बात नहीं सुन रही है तो देश में तो जाना ही होगा अब हम लखनऊ का घेराव करेंगे दिल्ली के घेराव पर राकेश टिकैत ने कहा, ‘’लाल किला जाने पर कानून बने हैं क्या? हम किसी का प्रचार नहीं कर रहे हैं हम किसानों का प्रचार कर रहे हैं गन्ना किसानों का बकाया है क्या उसकी बात करना गुनाह है? बिजली की कीमत सबसे ज्यादा है क्या इसकी बात करना गुनाह है? हम किसानों के मुद्दों को लेकर अब यूपी में महापंचायत करेंगे राकेश टिकैत ने कहा, ‘’किसान आंदोलन में हम किसी पार्टी का प्रचार नहीं कर रहे आंदोलन को लेकर जो गलतफहमी फैली हुई है, उसे दूर करना होगा’’ उन्होंने कहा, ‘’भारतीय किसान युनियन भानु मैदान छोड़कर चला गया ये बीजेपी के लोग हैं जो लोग मैदान छोड़कर चले गए, वो किसान नहीं हो सकतेये किसान आंदोलन था, किसान आंदोलन है और किसान आंदोलन रहेगा भानु संयुक्त मोर्च में नहीं है कानून में कहां लिखा है और किस सेक्शन में लिखा है कि कृषि कानून किसानों की जमीन ले लेगा? इस सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, ‘’तीनों कानून ही काले हैं किसानों की जमीन उद्योगपति ले लेंगे मैनें कानून में सब पढ़ लिया है मंडियां बंद हुई हैं फसलों पर लोन लिया जाएगा तो जमीन ली जाएगी सरकार से 12 दौर की बात हुई है हमने सरकार को बता दिया है कि कानून में क्या खामियां हैं’’