सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : जसप्रीत बुमराह ने कहा, इंग्लैंड अगर बैजबॉल अप्रोच ही अपनाएगा तो मुझे सीरीज में बहुत विकेट मिलेंगे। टेस्ट में बैटर अगर हर बॉल पर शॉट लगाएगा तो मुझे विकेट लेने के ज्यादा चांस मिलेंगे। बुमराह 25 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत से खेलते नजर आएंगे।

द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में भारतीय पेसर ने कहा, ‘मैंने IPL से क्रिकेट खेलना शुरू जरूर खेला लेकिन टेस्ट क्रिकेट आज भी किंग है। मैं हमेशा इसे ही सबसे चैलेंजिंग फॉर्मेट मानूंगा।’

टेस्ट क्रिकेट ही किंग

बुमराह ने कहा, ‘मैं उस जनरेशन से हूं, जहां टेस्ट क्रिकेट ही किंग है। मैं हमेशा खुद को इसी प्रदर्शन के आधार पर देखूंगा। मैंने IPL से शुरू किया लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट से अपनी बॉलिंग को सुधारा। मैं कभी भी व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलकर खुश नहीं रहा। टेस्ट क्रिकेट में बैटर्स आसानी से आउट नहीं होते और यही मुझे सबसे ज्यादा चैलेंजिंग और मेजदार भी लगता है।

टी-20 और वनडे में आप 5 स्लोअर गेंद फेंककर 5 बैटर्स को आउट कर सकते हैं, लेकिन टेस्ट में ऐसा करने से एक भी विकेट नहीं मिलता। टेस्ट क्रिकेट में किस्मत काम नहीं आती, यहां बेहतर टीम को ही जीत मिलती है। आप किस्मत के भरोसे 20 विकेट नहीं ले सकते।

मुझे नहीं पता कि आज के युवा टेस्ट क्रिकेट को कैसे देखते हैं। ये फॉर्मेट लम्बे समय से यहां है और टिका भी रहेगा। बहुत ज्यादा टेस्ट क्रिकेट बोरिंग हो जाएगा, बहुत ज्यादा व्हाइट बॉल क्रिकेट होने से भी कुछ ऐसा ही होगा। मुझे लगता है खेल में सभी फॉर्मेट होने चाहिए लेकिन किसी भी फॉर्मेट का ओवरडोज नहीं होना चाहिए।’

‘बैजबॉल में मुझे ज्यादा विकेट मिलेंगे’

इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट की सीरीज पर बुमराह ने कहा, ‘मैं बैजबॉल को ज्यादा कारगर नहीं मानता लेकिन इंग्लैंड एग्रेसिव बैटिंग कर सफल हो रहा है। वे दिखा रहे हैं कि इस तरह से भी टेस्ट खेला जा सकता है। एक बॉलर के रूप में मुझे लगता है कि अगर उनके बैटर्स तेज खेलने की कोशिश करेंगे तो मुझे विकेट के ज्यादा मौके मिलेंगे। वह हर बॉल पर मुझे गेम में रखेंगे और इसी के लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं।

‘मुझे हमेशा मेरा बॉलिंग एक्शन नॉर्मल ही लगा

बुमराह बोले- बचपन से बड़े होते हुए मुझे हमेशा ही मेरा बॉलिंग एक्शन नॉर्मल लगा। वो तो नेशनल जूनियर कैम्प जॉइन करने का बाद पता लगा कि मेरा एक्शन (बॉलिंग) थोड़ा अलग है। वहां मैंने अपनी बॉलिंग का वीडियो देख लिया था। मैं तो बस तेज गेंदें फेंककर विकेट ले रहा था।

मुझे कभी एक्शन से दिक्कत नहीं हुई लेकिन अब इसी एक्शन से मुझे विकेट मिल रहे हैं। ये मेरी स्ट्रेंथ बन चुका है। मैंने टीवी पर कई बॉलर्स को देखकर सीखा है, लेकिन खुशकिस्मत हूं कि किसी भी कोच ने मेरे एक्शन में ज्यादा बदलाव नहीं किए।