सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने चिंता जताई है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद हिंदुओं का सफाया (एथनिक क्लींजिग) करने की कोशिश हो रही है।

हाउस ऑफ कॉमन्स में एक बहस के दौरान ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर जला दिए गए हैं। उनके दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की जा रही है। पुजारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। ब्लैकमैन ने कहा कि इस मामले पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी ब्रिटेन की है क्योंकि उन्होंने ही बांग्लादेश को आजाद कराया था।

विदेश कार्यालय मंत्री कैथरीन वेस्ट ने कहा कि हम भारत सरकार की चिंता से वाकिफ हैं। वेस्ट ने कहा कि पिछले महीने वह बांग्लादेश गई थी। इस दौरान यूनुस सरकार ने उन्हें यकीन दिलाया था कि वे अल्पसंख्यकों के हितों की हिफाजत करेंगे।

कंजर्वेटिव सांसद प्रीति पटेल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा हो रही है जिसे सरकार रोक नहीं पा रही है। हम इससे बहुत परेशान हैं। हमारी संवेदना बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ है। वहीं, लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने कहा कि ब्रिटिश सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर नजर रख रही है।

अमेरिका ने भी बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर नाराजगी जताई

अमेरिका ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि सरकार को बोलने की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का सम्मान करने की जरूरत है।

पटेल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। उनसे मानवाधिकारों के मुताबिक ही व्यवहार किया जाना चाहिए।

हसीना बोलीं- मोहम्मद यूनुस अल्पसंख्यकों पर हमलों के जिम्मेदार बांग्लादेश में हिंदुओं के नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से तनाव बढ़ा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं का जिम्मेदार अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को बताया है। मंगलवार को न्यूयॉर्क के एक सेमिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने कहा-

“बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं का जिम्मेदार मुझे बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत में मोहम्मद यूनुस हैं जो छात्र नेताओं के साथ मिले हुए हैं और सामूहिक हत्याओं में शामिल हैं।

हसीना ने कहा-

हसीना ने कहा, यूनुस सरकार के लोग ही सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं। यहां तक ​​कि लंदन से तारिक रहमान (खालिदा जिया के बेटे) ने भी कहा है कि अगर मौतें जारी रहीं, तो सरकार नहीं चलेगी।”

हसीना ने कहा- मैं जनसंहार नहीं चाहती थी, इसीलिए देश छोड़ने का फैसला किया।

दूसरी तरफ बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को समन जारी किया है। दरअसल, सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश मिशन पर हमला हुआ था, इस पर बांग्लादेश ने नाराजगी जताई थी।

इस मामले पर आज शाम 4 बजे बांग्लादेश के विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह ने प्रणय वर्मा से मुलाकात की। वर्मा ने मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा- भारत-बांग्लादेश के संबंध बहुआयामी हैं, इन्हें एक मुद्दे या एजेंडे तक सीमित नहीं कर देना चाहिए।

चिन्मय प्रभु के वकील पर हमला, ICU में भर्ती

बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के केस की पैरवी करने वाले वकील पर हमला हुआ है। यह दावा कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने किया है।

राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में रमन रॉय की तस्वीर के साथ कहा-

बांग्लादेश में इस्कॉन के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले महीने रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। 26 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

चिन्मय दास की जमानत पर सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी गई है। द डेली स्टार के मुताबिक यूनुस सरकार ने कोर्ट से समय मांगा जिसके बाद सुनवाई आगे बढ़ा दी गई।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानूनी मदद न मिलने की वजह से चिन्मय दास की सुनवाई आगे बढ़ाई गई है। दरअसल, चिन्मय दास की पैरवी करने के लिए कोई भी वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ।

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