सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: 31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के क्षेत्रीय मुख्यालय राजयोग भवन, अरेरा कालोनी भोपाल में साप्ताहिक नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया गया।उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक न्याय विभाग की सहायक निर्देशिका वान्या टंडन, देवी भ्राता सुरेन्द्र, भ्राता शशांक मिश्रा, ड़ॉ. ललित गडेकर अध्यक्ष बैतूल किराड क्षेत्रीय कार्यालय माउन्ट आबू से पधारे दिव्यांग सेवा प्रभाग के निदेशक ब्रह्माकुमार सूर्यमणि भाई मौजूद रहे।

संस्थान की क्षेत्रीय निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अवधेश दीदी ने अपने आर्शीवचन में कहा कि अगर स्वस्थ जीवन जीना है तो तम्बाकू और उससे निर्मित पदार्थों को न कहना सीखना पड़ेगा। ब्रह्माकुमारी में सिखाया जा रहे राजयोग से हमारी आंतरिक शक्ति का विकास होता है जो हममें दृढ़ता की शक्ति लाता है और न कहने की ताकत भी आती है।

भारत सरकार के साथ ब्रह्मकुमारीज का तीन वर्षों के लिए एमओयू साइन

सर्वप्रथम कार्यक्रम में पधारे अतिथि कर स्वागत बहाकुमारी बहनों ने तिलक लगाकर और अभियान प‌ट्टे पहनाकर किया। तत्पश्चात कार्यक्रम का विधिवत उ‌द्घाटन आमंत्रित अतिथियों कर कमलों से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उ‌द्देश्य स्पष्ट करते हुए सीधी से पधारी ब्रह्माकुमारी रेखा बहन ने कहा कि सारे विश्व में 31 मई तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। और इस दिन सभी को व्यसनों से दूरी बनाये रखने की की प्रेरणा दी जाती है। हमारा यह सौभाग्य है कि भारत सरकार के साथ हमारा तीन वर्षों के लिए एमओयू साइन हुआ है। नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत पूरे भारत वर्ष में सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटक, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम, प्रभात फेरिया, व्यसन मुक्ति प्रदर्शनी के माध्यम से समूचे समाज को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में पधारी वान्या टंडन ने कहा कि इस वर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का विषय है तम्बाखू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की रक्षा करना अर्थात संबंधित पदार्थों के सेवन से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित यह जागरूकता अभियान समय की मांग है। उन्होंने संस्थान द्वारा नशा मुक्ति के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों का सराहा।कार्यक्रम के दौरान राजयोग का अभ्यास भी ब्रह्माकुमारी बहन द्वारा कराया गया।